India News (इंडिया न्यूज़), Imran khan, दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान आज गिरफ्तार हो सकते है। उनपर सेना पर हमला करने का मामला चलाया जा सकता है। यह मामला सेना की अदालत में चलाया जा सकता है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की गिरफ्तारी पाकिस्तान में कोई नई बात नहीं है।

  • आर्मी एक्ट में मामला दर्ज
  • भुट्टो को फांसी दी गई थी
  • 9 मई वालों मामले में कार्रवाई

जब खुद इमरान खान प्रधान मंत्री थे,तो कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। कुछ को एक साल से अधिक समय तक लेकिन किसी ने सेना के खिलाफ ऐसे बयान नहीं देते जैसे इमरान देते है। सेन के प्रतिष्ठानों पर ऐसे हमले भी कभी नहीं हुए जैसे 9 मई को इमरान की गिरफ्तारी हुए पाकिस्तान हुए।

तीन बार होगा तख्तापलट

इमरान खान ने साथ ही उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सात वरिष्ठ सदस्यों को सेना की तरफ से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान की आजादी के बाद से अब तक सेना ने पाक में तीन बार तख्तापलट किया है। पाक में सरकार पर सेना का नियंत्रण चुनी हुई सरकार से ज्यादा होता है। वर्तमान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के संबंध काफी खराब माने जाते है। पीएम रहते इमरान ने मुनीर को 2019 में शीर्ष सैन्य खुफिया पद से बर्खास्त कर दिया था।

9 मई को हुई थी हिंसा

9 मई की हिंसा मामले में इमरान पर आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। आर्मी एक्ट लगने पर मामले सेना की अदालत में चला जाएगा तब इमरान को राहत मिलना मुश्किल हो जाएगी। आर्मी एक्ट की धारा 59 और 60 के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस एक्ट में दोष साबित होने पर इमरान को मौत की सजा या उम्रकैद की सजा हो सकती है। धारा- 59 के तहत दोषी पाए जाने पर सजा-ए-मौत का प्रावधान है। पाकिस्तान में आर्मी एक्ट का इस्तेमाल असैन्य अपराधों के लिए किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट पर इमरान खान को बचाने के आरोप लग रहे हैं। आर्मी एक्ट के तहत केस दर्ज होने के बाद इमरान खान को राहत मिलना मुश्किल हो जाएगा।

1974 को फांसी पर चढ़ाया गया

पाकिस्तान के इतिहास में एक पूर्व पीएम भी जिन्हें फांसी पर चढ़ाया गया हो। पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो को 4 अप्रैल 1979 को फांसी पर चढ़ाया गया था। 10-11 नवंबर 1974 की आधी रात को लाहौर में अज्ञात हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर कार सवार मोहम्मद अहमद खान कसूरी की हत्या कर दी थी। कसूरी पाकिस्तान के सबसे बड़े वकील थे।

जिया उल हक ने डाला जेल में

कसूरी जुल्फिकार अली भुट्टो से बहुत प्रभावित थे, यही वजह थी कि उन्होंने भुट्टो की पार्टी पीपीपी ज्वाइन कर ली थी। भुट्टो के तानाशाही व्यवहार के कारण कसूरी ने भुट्टो का साथ कुछ छोड़ दिया था। अहमद रजा कसूरी के बेटे ने तब प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया था। इस मामले की जांच चल ही रही थी कि तभी उस समय के सेना प्रमुख जनरल जिया उल-हक ने जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार का तख्तापलट कर दिया। जनरल उल-हक ने मार्शल लॉ लगा दिया और भुट्टो को जेल में डाल दिया गया।

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