Pakistanis Paying the Price For Imran Khan’s showing Tashan To India
इंडिया न्यूज़ ,नई दिल्ली
पाकिस्तान अपनी जिद के चलते आर्थिक तौर पर जबरदस्त नुकसान उठा रहा है। हाल ही में ट्रेडिंग कॉरपोरेशन आफ पाकिस्तान द्वारा इंपोर्ट की गई 28,760 मीट्रिक टन चीनी की एक खेप पाकिस्तान पहुंची है। इस चीनी के लिए पाकिस्तान ने लगभग 110 रूपए प्रति किलो का भुगतान किया है। वहीं, पिछले साल जब टीसीपी ने एक लाख टन चीनी का इंपोर्ट किया था तब ये कीमत लगभग 90 रूपए प्रति किलो थी। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान अगर चाहता तो उसे भारत से चीनी काफी कम कीमत में मिल सकती थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सभी खर्चे मिलाकर, पाकिस्तान की दुकानों पर ये चीनी 123 रूपए प्रति किलो के हिसाब से बिकेगी। सरकार ने देश में उत्पादित चीनी का एक्स-मिल रेट 84.75 रुपये प्रति किलो तय किया है। इसलिए, आयातित चीनी आधिकारिक एक्स-मिल दर से 25.15 रुपये प्रति किलोग्राम अधिक महंगी होगी। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने इस साल अप्रैल महीने में भारत से चीनी के आयात के लिए इनकार कर दिया था। पाकिस्तान का कहना था कि भारत जब तक कश्मीर में आर्टिकल 370 बहाल नहीं करता है तब तक पाकिस्तान चीनी और गेहूं जैसे जरूरी सामानों के इंपोर्ट के लिए भारत को मंजूरी नहीं दे सकता है।
हाल ही में पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरीन ने कहा था कि गेहूं 48 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिया जा रहा है, जबकि चीनी की कीमत 89.75 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची जा रही है। उन्होंने ये भी कहा कि बिचौलिए के लाभ के मार्जिन को भी कम करने की कोशिशें की जा रही हैं।
पूरी दुनिया में बढ़ीं कीमतें
उन्होंने कहा कि हम प्राइस कंट्रोल कमिटी को सक्रिय बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे आम आदमी को लाभ होगा. मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और जमाखोरी को रोकने के लिए आवश्यक वस्तुओं के रणनीतिक भंडार भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीनों के दौरान धीमी हुई क्योंकि जुलाई में शहरी और ग्रामीण खाद्य मुद्रास्फीति क्रमश: 15% और 17% थी, जो घटकर 9.1% और 10% हो गई है। दुनिया भर में उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं। पाकिस्तान कोई अनोखा देश नहीं है। दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में पाकिस्तान में खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में कम वृद्धि हुई है।
पाकिस्तान को लगा है बड़ा झटका
इस तरह से व्यापारिक संबंध तोड़ लेना व्यावहारिक नहीं होता है और इससे कमजोर अर्थव्यवस्था से जूझ रहे पाकिस्तान पर जबरदस्त असर पड़ा है क्योंकि भारत से सामान लेना कई देशों की तुलना में काफी सस्ता पड़ता है। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच व्यापार रद्द होने से कुछ क्षेत्रों पर काफी असर देखने को मिला है। पाकिस्तान का चीनी बाजार और कपड़ा उद्योग काफी प्रभावित हुआ है, वहीं भारत में इसके कारण छुहारे का व्यापार, सेंधा नमक और सीमेंट के बाजार पर असर देखने को मिला है। हालांकि इस प्रतिबंध से पाकिस्तान पर ज्यादा असर देखने को मिला है क्योंकि पाकिस्तान की भारत पर कपड़ा, दवा के लिए कच्चे माल को लेकर भारी निर्भरता थी। इसके अलावा भारत से चीनी का व्यापार ना करने की जिद भी पाकिस्तान को परेशान कर रही है।
Also Read : Haryana Health Minister vij Admitted To AIIMS