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भारत की बल्ले-बल्ले, ट्रंप के आते ही कैसे मालामाल हो जाएगा भारत? सदमें में आया चीन

India News (इंडिया न्यूज),US:डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति बनेंगे। जनवरी 2025 से वो अपना कार्य-भार संभालेंगे। बता दें अपना कार्यभार संभालने से पहले ही ट्रंप ने कुछ चीजे साफ कर दी हैं। जिसको लेकर कई देशों की चिंताएं बढ़ गई है। वहीं डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में वापसी भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। श्रीराम म्यूचुअल फंड की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से लाभ उठाने का अच्छा अवसर है। क्योंकि ट्रंप चीन, मैक्सिको और कनाडा से अमेरिकी आयात पर टैरिफ बढ़ा रहे हैं, जो संभावित रूप से भारत जैसे देशों के पक्ष में हो सकता है।

भारत के निर्यात को लाभ

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नीति से भारत के निर्यात को लाभ होगा, क्योंकि चीन, मैक्सिको और कनाडा से निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ व्यवधान पैदा कर सकते हैं। रिपोर्ट में ट्रंप द्वारा अपने आर्थिक एजेंडे के हिस्से के रूप में पर्याप्त टैरिफ लगाने की धमकी का उल्लेख किया गया है। इसके माध्यम से, ट्रंप अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करना चाहते हैं और डी-डॉलराइजेशन की चुनौतियों का जवाब देना चाहते हैं।

इन देशों को लग सकता है बड़ा झटका

शुरू किए गए टैरिफ में चीनी आयात पर 10 प्रतिशत और कनाडाई और मैक्सिकन आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाना शामिल है। ऐसी नीतियों से अमेरिका में इन देशों के व्यापार में बाधा आ सकती है, जिससे भारतीय निर्यातकों को बाजार में हिस्सेदारी हासिल करने का मौका मिल सकता है।

डी-डॉलराइजेशन को लेकर भड़के ट्रंप

रिपोर्ट में दावा किया गया है, “ट्रंप ने डी-डॉलराइजेशन के कारण टैरिफ की धमकी दी है, योजनाओं में चीन पर 10 प्रतिशत और कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ शामिल है। प्रस्ताव को ट्रंप की व्यापक आर्थिक योजना के रूप में समझा जा सकता है, जो संभावित रूप से दुनिया भर के बाजारों को प्रभावित कर सकता है।

अमेरिकी निर्माताओं की बल्ले-बल्ले

ट्रंप अमेरिकी निर्माताओं के लिए कॉर्पोरेट टैक्स दरों को 21 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करना चाहते हैं और चीनी वस्तुओं पर 60 प्रतिशत और अन्य आयातों पर 10-20 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। टैरिफ बढ़ाने के पीछे ट्रंप का मकसद इन सबके पीछे का मकसद घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना बताया जा रहा है, लेकिन इससे मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ सकता है और ब्याज दरें बढ़ सकती हैं। इसके अलावा ट्रंप बड़े पैमाने पर देश से अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने की योजना बना रहे हैं।

ट्रंप की विदेश नीति

अपनी विदेश नीति की बात करें तो ट्रंप यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता को कम करने, नाटो की भूमिका को सीमित करने और इजरायल और ताइवान के लिए समर्थन बढ़ाने का इरादा रखते हैं। रिपोर्ट में फेडरल रिजर्व पर नियंत्रण बढ़ाने के ट्रंप के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया है, जिससे संभावित रूप से अल्पकालिक बाजार अस्थिरता हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते व्यापार रुझानों के बीच, भारत एक विश्वसनीय निर्यात विकल्प के रूप में लाभान्वित हो सकता है।

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