India News(इंडिया न्यूज), Mohamed Muizzu salary cut by 50% : कभी भारत को चुनौती देने वाला मालदीव अब अपने बनाए जाल में बुरी तरह फंस गया है। एक समय राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारतीय सैनिकों को मालदीव से निकालने पर अड़े हुए थे। इसका नतीजा यह है कि मालदीव में संकट के बादल छा गए हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि मोहम्मद मुइज्जू के पास खुद को सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। इसी के चलते मालदीव के राष्ट्रपति ने अपनी सैलरी में 50 फीसदी कटौती का ऐलान किया है। भारत के साथ बढ़ता तनाव और चीन से नजदीकी उनके लिए मुसीबत का सबब बन गई है। इस समय मालदीव नकदी संकट से जूझ रहा है। इसी के चलते राष्ट्रपति की सैलरी में कटौती का ऐलान किया गया है।
मुइज्जू की सैलरी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अगले साल से राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सालाना सैलरी घटाकर 600,000 रुफिया (39,087 डॉलर यानी 32,86,176 रुपये) कर दी जाएगी। वर्तमान में मोहम्मद मुइज़ू का वार्षिक वेतन 1.2 मिलियन रुफ़िया यानी 65,68,233 रुपये है। हालांकि, यह राशि अभी भी मालदीव की औसत घरेलू आय 316,740 रुफ़िया (17,33,685 रुपये) से लगभग दोगुनी है। यह आंकड़ा 2016 की जनगणना के अनुसार सामने आया था।
पर्यटन पर पड़ा असर
भारत के साथ विवाद का सबसे बड़ा असर मालदीव के पर्यटन पर पड़ा है। सभी जानते हैं कि मालदीव के लिए पर्यटन आय का सबसे बड़ा स्रोत है। पर्यटन में कमी के कारण देश में बड़ा संकट पैदा हो गया है। इसे रोकने के लिए सरकार ने अब कमर कसने का फैसला किया है। इसके तहत सरकारी नौकरियों में वेतन में कटौती की जाएगी। मोहम्मद मुइज़ू के कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति मुइज़ू खुद सबसे बड़ी वेतन कटौती करेंगे। अधिकांश सरकारी नौकरियों में अनिवार्य 10% वेतन कटौती की जा रही है।
राजनीतिक नियुक्तियाँ रद्द की गईं
नकदी संकट से बचने के लिए मुइज्जू सरकार सभी कदम उठा रही है। इसके कारण मंत्रियों सहित 225 से अधिक राजनीतिक नियुक्तियाँ रद्द कर दी गई। बर्खास्त किए गए लोगों में सात राज्य मंत्री, 43 उप मंत्री और 178 राजनीतिक निदेशक शामिल हैं। सरकार ने कहा है कि इस कदम से हर महीने करीब 370,000 डॉलर की बचत होने की उम्मीद है। वहीं, सितंबर में कहा गया था कि उसकी वित्तीय समस्याएं अस्थायी हैं और वह आईएमएफ से कोई मदद नहीं चाहती है।
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