India News (इंडिया न्यूज), India Saudi Arabia Relations: भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान हमेशा कोई न कोई शातिर चाल चलने की फ़िराक में लगे रहते हैं। वहीं चीन अरबों डॉलर खर्च कर पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा बनाने में जुटा है। भारत की कड़ी आपत्ति के बावजूद चीन इसे विवादित क्षेत्र से ले जाने पर अड़ा हुआ है। अब भारत ने भी बहुपक्षीय मंच का इस्तेमाल कर बीजिंग पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। भारत की इस योजना में सऊदी अरब भी अहम हिस्सा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद के सामने इसका खुलासा भी किया। दरअसल, भारत भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) बनाने में जुटा है। इसका मकसद भारत को मध्य पूर्व के साथ-साथ यूरोप से भी जोड़ना है, ताकि आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाई जा सके।
सऊदी विदेश मंत्री से एस जयशंकर ने की मुलाकात
बता दें कि, सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक समिति की बैठक में हिस्सा लेने नई दिल्ली आए हैं। इस मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जी-20, ब्रिक्स और आईएमईसी पर बात करते हुए उन्होंने भारत और सऊदी अरब के साझा हितों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए भारत और सऊदी अरब बहुत महत्वपूर्ण हैं। सऊदी विदेश मंत्री से बातचीत का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देश क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य बड़े पैमाने पर समृद्धि लाना है।
भारतीय विदेश मंत्री ने बताई यह योजना
एस जयशंकर ने कहा कि आज दिल्ली में हमारी रणनीतिक भागीदारी परिषद के अंतर्गत राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग समिति #PSSC की दूसरी बैठक की सऊदी अरब के विदेश मंत्री @FaisalbinFarhan के साथ सह-अध्यक्षता करते हुए प्रसन्नता हुई। रक्षा भागीदारी, सुरक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश, संस्कृति, पर्यटन और युवा आदान-प्रदान तथा लोगों के बीच आपसी संपर्क सहित हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों पर सार्थक चर्चा हुई। हमने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विशेष रूप से पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष और विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर हमारे संयुक्त प्रयासों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।