India News (इंडिया न्यूज़), Pakistan Resolution in UNHRC, दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार निकाय ने पश्चिमी देशों की आपत्तियों पर यूरोप में कुरान जलाए जाने के मद्देनजर धार्मिक घृणा को रोकने के लिए और अधिक प्रयास करने के लिए देशों से आह्वान करने वाले एक उपाय को मंजूरी दे दी। इन देशों को शक है कि सरकारों के सख्त कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल सकते हैं।
पाकिस्तान और फ़िलिस्तीन द्वारा लाए गए एक प्रस्ताव को 28 देशों ने समर्थन किया जबकि 12 देशों ने विरोध किया। सात देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। प्रस्ताव पारित होते ही मानवाधिकार परिषद के सदन में तालियाँ बजने लगीं, खास बात यह थी की पाकिस्तान के इस प्रस्ताव का भारत ने भी समर्थन किया और उइगर मुसलमानों के मस्जिदों को शौचालय में बदलने वाले चीन ने भी।
The @UN🇺🇳 Human Rights Council adopted a resolution in which it condemned & strongly rejected any advocacy & manifestation of religious hatred, including the recent public & premeditated acts of desecration of the Holy Quran.
WATCH the adoption of the resolution at #HRC53⤵️ pic.twitter.com/hnNBEzISu4
— United Nations Human Rights Council 📍 #HRC53 (@UN_HRC) July 12, 2023
यह प्रस्ताव हाल ही में यूरोप के कुछ हिस्सों में कुरान जलाए जाने के मद्देनजर आया है। मुस्लिम देशों ने इसे भेदभाव, शत्रुता या हिंसा को उकसाने वाले धार्मिक घृणा के कृत्यों और वकालत को रोकने और मुकदमा चलाने के लिए कदम उठाने की बात कही। अमेरिका ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका उन कृत्यों की कड़ी निंदा करता है जो आज की चर्चा का कारण बने, जिसमें 28 जून को पवित्र कुरान का अपमान भी शामिल है।
अमेरिका के स्वीडन के घटना की निंदा तो की लेकिन प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया। अमेरिका, यूके, फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, रोमानिया, लिथुआनिया, कोस्टा रीका और फिनलैंड समेत 12 देशों ने प्रस्ताव का विरोध किया। नेपाल समेत सात देशों ने प्रस्ताव का विरोध किया।
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