India News(इंडिया न्यूज),India-US Ties: भारत और अमेरिका के बीच के संबंध को लेकर कई सारी बातें सामने आ रही है। वहीं इन दिनों लगातार रूप से एक सवाल सबके सामने आ रहा है कि, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका का कैसा संबंध रहा। जिसके बारे में जानकारी देते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि, अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान कुछ मुद्दों के बावजूद भारत-अमेरिका संबंध और गहरे हुए। वहीं दिल्ली में 9वें रायसीना डायलॉग में ‘संघर्ष, प्रतियोगिता, सहयोग, सृजन’ सत्र में बोलते हुए एस जयशंकर ने कहा कि, ”ट्रंप 2017 से 2021 तक राष्ट्रपति थे। हमारे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध थे। वह यहां दौरे पर आए थे, मेरे प्रधानमंत्री वहां दौरे पर गए थे। किसी भी रिश्ते की तरह, कुछ मुद्दे थे लेकिन कुल मिलाकर अगर मैं देखूं, तो क्या उन चार वर्षों में हमारा रिश्ता गहरा हुआ? क्या यह बढ़ गया? बिल्कुल, ऐसा हुआ।”

ट्रंप का भारत दौरा

इसके साथ ही जयशंकर ने कहा कि, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2020 में भारत का दौरा किया और गुजरात के मोटेरा में प्रधान मंत्री के साथ एक रैली को संबोधित किया, जहां उन्होंने कहा था कि, “हम इस उल्लेखनीय आतिथ्य को हमेशा याद रखेंगे। हम इसे हमेशा याद रखेंगे।” विदेश मंत्री ने कहा कि सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप ही नहीं, बिल क्लिंटन के बाद हर बार राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के संबंधों में सुधार हुआ है। “यह सिर्फ ट्रम्प नहीं है, अगर आप भारत-अमेरिका को शायद बिल क्लिंटन से देखें, तो हर राष्ट्रपति पद के साथ संबंध गहरे हुए हैं। आप इसका श्रेय संरचनात्मक लाभों को दे सकते हैं या आप इसका श्रेय चतुर कूटनीति को दे सकते हैं। यह बढ़ा है और मुझे पूरा विश्वास है कि यह ऐसा करना जारी रखेगा।

भारत और यूके के व्यपार की बातें

इसके अलावा, जयशंकर ने भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए चल रही बातचीत के बारे में भी बात की। इसके सथ ही जयशंकर ने कहा, ”दोनों देशों को काफी फायदा होगा। आज, विभिन्न आर्थिक उत्पादन और उपभोग केंद्र एक-दूसरे के साथ कैसे व्यवहार करते हैं, यह एक बहुत प्रमुख बिंदु है और एक हद तक हम इसे सुविधाजनक बना सकते हैं। एफटीए इसे सुविधाजनक बनाने का एक तरीका है, कनेक्टिविटी इसे सुविधाजनक बनाने का एक और तरीका है, और डिजिटल प्रवाह इसे सुविधाजनक बनाने का तीसरा तरीका है। हम इस अभ्यास में लगे हुए हैं इसका कारण यह है कि हम दोनों उस एफटीए से बहुत कुछ सकारात्मक रूप से सामने आता हुआ देख रहे हैं।”

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