कनाडा में प्रधानमंत्री के तौर पर जस्टिन ट्रूडो का कार्यकाल अक्तूबर 2025 तक शेष है। विदेश संबंधों के अध्येता रोबिंदर सचदेव कहते हैं कि जिस तरह से जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानी आतंक के मुद्दे को संभाल रहे हैं, उसे देखते हुए दोनों देशों कि रिश्ते जल्द सामान्य होने के आसार नहीं हैं। वहीं भारत और कनाडा के बीच के विवाद को मद्देनजर रखते हुए इस मामले अब ब्रिटेन ने भी अपना हस्तक्षेप किया है।
ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने कनाडा-भारत विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, सभी देशों को दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। इसके साथ ही जेम्स ने आगे कहा कि, ब्रिटेन सरकार खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडाई सरकार के साथ नियमित संपर्क में है। बता दें, कनाडाई पीएम ने एक दिन पहले सोमवार को आरोप लगाए थे कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ हो सकता है।
इसके साथ ही ब्रिटेन के विदेश सचिव क्लेवरली ने ट्वीट कर कहा कि, सभी देशों को अन्य देशों की संप्रभुता और उनके कानूनों का सम्मान करना चाहिए। कनाडाई संसद में निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर लगाए आरोपों के मामले में हम कनाडाई सरकार के साथ नियमित संपर्क में हैं। यहां बड़ा मुद्दा है कि कनाडाई जांच एजेंसी को इसकी जांच करनी चाहिए और आरोपियों को कटघरे में पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना जांच रिपोर्ट के मामले में टिप्पणी करना उचित नहीं है।
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कनाडाई प्रधानमंत्री मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को आरोप लगाए कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है। ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों के पास यह मानने के कारण है कि भारत सरकार के एजेंटों ने ही निज्जर की हत्या की है। कनाडाई एजेंसियां निज्जर की हत्या में भारत की साजिश की संभावनाओं की जांच कर रही हैं। ट्रूडो ने जोर दिया कि कनाडा की धरती में कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी भी प्रकार की संलिप्तता अस्वीकार्य है।
इसी साल जून में कनाडा के एक प्रमुख खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं खबर ये भी सामने आ रही थी कि, कनाडा के सरे में स्थित गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के नजदीक दो अज्ञात हमलावरों ने निज्जर पर हमला किया था। हमले में उसकी मौत हो गई थी। भारतीय एजेंसी एनआईए ने निज्जर को भगोड़ा घोषित किया था। इसके साथ ही आपको बता दें कि, निज्जर गुरु नानक सिख गुरुद्वारे का अध्यक्ष था और कनाडा में चरमपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का प्रमुख चेहरा था। निज्जर, खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख भी था।
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