India News (इंडिया न्यूज), Crude Oil Crisis: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) देश का कद बढ़ने के लिए कई इंटरनेशनल नेताओं से संबंध गाढ़े करने पर लगातार काम कर रहे हैं। यही वजह है कि दुनियाभर में भारत की कूटनीति की जमकर तारीफें हो रही हैं। इस दौरान पीएम ने कुछ ऐसे ताकतवर दोस्त भी बना लिए हैं, जो हर हाल में भारत के साथ खड़े रहने के लिए तैयार हैं। हालांकि, हाल ही में एक ऐसा ही ताकतवर दोस्त भारत के लिए ना चाहते हुए भी मुश्किलें खड़ी कर रहा है। ये कोई और नहीं बल्कि भारत के लिए दिल खोलकर काम करने वाले रूसी राष्ट्रपति (Russian President) व्लिदिमीर पुतिन (Vladimir Putin) हैं।
दरअसल, भारतीय अर्थ व्यवस्था की रीढ़ तेल रिफाइनरियां मुसीबत में फंस गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 2025 की शुरुआत में ही भारत की तेल रिफाइनरियों से खतरे की घंटी सुनाई देने लगेगी। इसका सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि संकट को भांप कर भारत की बड़ी-बड़ी तेल कंपनियां एक साथ मिलकर इसका हल खोजने की कोशिश कर रही हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक भारत पर ये संकट रूस और यूक्रेन जंग की वजह से नहीं बल्कि पुतिन के एक कदम की वजह से आया है।
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भारत की तेल कंपनियों तक तेल स्पॉट मार्केट के जरिए पहुंचता था लेकिन अब पुतिन का नया कदम है कि रूस सरकार स्पॉट मार्केट की जगह सीधे तेल उत्पादक कंपनियों से लांग-टर्म कांट्रैक्ट के जरिये कच्चे तेल की आपूर्ति पर जोर दे। तेल कंपनियों से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत के दौरान खुलासा किया है कि इसकी वजह से अब भारत को आपूर्ति के मुताबिक 6 मिलियन बैरल क्रूड ऑयल नहीं मिल रहा है, अभी तक रूस से हर दिन सिर्फ 1 मिलियन बैरल क्रूड ऑयल ही सुनिश्चित हो पाया है।
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