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भारत की सख्ती ने निकाली क़तर की हेकड़ी, FIFA वर्ल्ड कप में कट्टरपंथी जाकिर नाईक को सरकारी निमंत्रण भेजे जाने से किया इंकार

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) :जानकारी हो,इस बार फीफा वर्ल्ड कप फुटबॉल से ज्यादा इस्लामिक परम्पराओं के हस्तछेप से चर्चा में है। कतर में रविवार से शुरू इस आयोजन में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी मजहबी और भारत का वांछित भगोड़ा जाकिर नाइक को निमंत्रण दिया गया था। भारत द्वारा इस पर कड़ी आपत्ति जताने के बाद कतर ने अब इसपर सफाई दी है।

आपको बता दें, कतर ने राजनयिक माध्यमों से भारत को सूचित किया कि भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को दोहा में आयोजित फीफा विश्व कप के दौरान भाग लेने के लिए आधिकारिक निमंत्रण नहीं दिया गया था। कतर का कहना है कि अन्य देशों ने जानबूझकर ये गलत जानकारी फैलाई, ताकि भारत-कतर के द्विपक्षीय संबंधों को खराब किया जा सके।

कट्टरपंथी जाकिर के निमंत्रण पर भारत ने जताया था कड़ा ऐतराज

जानकारी हो, भारत ने फीफा वर्ल्ड कप के ओपनिंग सेरेमनी में जाकिर नाइक शामिल होने की सूचना मिलते ही तत्काल कतर के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया था। मोदी सरकार ने कतर को स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि जाकिर नाइक को VVIP बॉक्स से फुटबवॉल देखने के लिए आमंत्रित किया गया तो भारत को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की यात्रा को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

हालाँकि, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ओपनिंग सेरेमनी में शामिल हुए थे और उसके अगले दिन ही भारत लौट आए थे। दरअसल, सबसे पहले अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित एक संस्था मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कतर ने दवाह से जुड़े इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक को फीफा की ओपनिंग सेरेमनी में बुलाया है। उल्लेखनीय है कि दवाह एक इस्लामिक प्रैक्टिस है, जहाँ गैर मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराया जाता है और इस्लाम धर्म अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है।कतर भले ही जाकिर नाइक को आधिकारिक निमंत्रण देने से इनकार कर रहा हो, लेकिन स्टेडियम में प्रवेश करते उसकी तस्वीर वायरल हुई थी। इस तस्वीर को अंशुल सक्सेना नाम के एक ट्विटर यूजर ने शेयर किया था।

क़तर के सरकारी मीडिया ने कट्टरपंथी नाईक की उपस्थिति की पोस्ट की थी

जानकारी हो,खुद कतर के सरकारी खेल चैनल अलकास के प्रस्तोता फैसल अलहाजरी ने ट्विटर पर नाइक की कतर में उपस्थिति की जानकारी दी। फैसल अलहाजरी ने ट्विर पर जाकिर नाइक का फोटो डालते हुए लिखा, “इस्लामी मजहबी गुरु शेख जाकिर नाइक विश्व कप के दौरान कतर में हैं और पूरे विश्व कप के दौरान वे कई दीनी व्याख्यान देंगे।” इससे पहले साल 2019 में कट्टरपंथी उपदेशक जाकिर नाइक का कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी द्वारा व्यक्तिगत रूप से दोहा में स्वागत किया गया था। उस समय दोनों की फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।

जाकिर नाईक की कट्टरता और उसके आतंक से कनेक्शन

आपको बता दें, जाकिर नाइक अपने महजबी तकरीरों के जरिए समाज में ना सिर्फ नफरत फैलाता है, बल्कि मुस्लिम युवाओं को जिहाद और आतंकवाद के लिए भी प्रेरित करता है। हाल ही में कई गिरफ्तार आतंकियों ने बताया था कि वे जाकिर नाइक का वीडियो देखकर आतंकवाद की ओर बढ़े थे।जाकिर नाइक पर भारत में उस पर मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद को बढ़ावा देने, धर्मांतरण से जुड़ाव, समाज में नफरत फैलाने, हेट स्पीच सहित कई गतिविधियों में लिप्त होने के कारण उस पर मामला दर्ज किया गया है। वह भारत का भगोड़ा और वांछित है। भारत सरकार उसे देश में लाने का लगातार प्रयास कर रही है। साल 2016 के अंत में भारत ने नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार की कार्रवाई की भनक लगते ही जाकिर नाइक भागकर मलेशिया चला गया। उसके बाद साल 2017 में जाकिर नाइक को भगोड़े घोषित कर दिया गया। मलेशिया में भी जाकिर नाइक ने अपने भाषणों के जरिए हिंदुओं और चीनियों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की थी। इसके बाद मुस्लिम बहुल देश मलेशिया की पुलिस ने उससे पूछताछ भी की थी। बाद में वहाँ की सरकार ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला देते हुए साल 2020 में देश में जाकिर नाइक के भाषण देने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

Ashish kumar Rai

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