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Infant Protection Day: आज है शिशु संरक्षण दिवस, क्यों है खास और क्या है इतिहास जानें

India News(इंडिया न्यूज),Infant Protection Day: हर साल आज के दिन यानी 7 नवंबर को शिशु संरक्षण दिवस मनाया जाता है। यह दिन शिशुओं की सुरक्षा और सुरक्षा के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने और उनकी उचित देखभाल करने के लिए मनाया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि, बच्चों की सुरक्षा के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने वाला यह दिन शिशुओं के सामने आने वाली चुनौतियों और उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। हर वर्ष 7 नवंबर को मनाया जाने वाला शिशु संरक्षण दिवस, शिशुओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए है। यह दिन उन कमजोरियों की याद दिलाता है जिनका सामना नवजात शिशुओं और शिशुओं को करना पड़ता है और समाज उनके भविष्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जानिए क्या है महत्व?

शिशु दिवस का जीवनी तरह से देखा जाए तो काफी महत्व है। जहां शिशुओं के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए शिशु संरक्षण दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य मकसद है कि शिशुओं की सुरक्षा और देखभाल करना कितना महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही इस बात पर जोर दिया जाता है कि प्रत्येक बच्चे को सुरक्षित वातावरण में बड़ा होना चाहिए। यह दिन माता-पिता और अन्य देखभालकर्ताओं को शिशु के लिए आवश्यक नाॅलेज और संसाधन प्रदान करता है।

शिशु संरक्षण दिवस का इतिहास क्या है?

हर साल 7 नवंबर को हम शिशु संरक्षण दिवस मनाते हैं। शिशु संरक्षण दिवस की स्थापना सबसे पहले यूरोपीय देशों द्वारा शिशु देखभाल के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रयास में की गई थी। 1990 में दुनिया भर में तकरीबन 50 लाख शिशुओं की जान चली गई थी। यह सब शिशुओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी के कारण है और इसलिए इस दिन को मनाया जाता है। शिशु संरक्षण दिवस उन समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है जिनका सामना दुनिया भर में शिशुओं को करना पड़ता है।

जानिए क्यों मनाते है शिशु संरक्षण दिवस?

1. शिशु संरक्षण दिवस की स्थापना सबसे पहले यूरोपीय देशों द्वारा शिशु देखभाल के बारे में जागरूक करने के प्रयास में की गई थी।
2.इस दिन द्वारा दुनिया भर के देशों में पैदा की गई जागरूकता की गहन भावना के कारण, शिशु मृत्यु दर प्रति जन्म 100 से घटकर 10 मृत्यु हो गई है।
3.यह नवजात शिशुओं की सुरक्षा और देखभाल के महत्व पर प्रकाश डालता है, इस बात पर जोर देता है कि प्रत्येक शिशु सुरक्षित माहौल में रहे।
4.शिशु संरक्षण दिवस का प्राथमिक लक्ष्य शिशु मृत्यु दर को कम करना है।
5. माता-पिता, देखभाल करने वालों और समुदायों को शिशु देखभाल में सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में शिक्षित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
6. यह दिन शिशुओं के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने में स्वास्थ्य देखभाल, टीकाकरण और उचित पोषण के महत्व को रेखांकित करता है।

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Shubham Pathak

शुभम पाठक लगभग दो वर्ष से पत्रिकारिता जगत में है। वर्तमान में इंडिया न्यूज नेशनल डेस्क पर कार्यरत है। वहीं इससे पूर्व में STV Haryana, TV100, NEWS India Express और Globegust में काम कर चुके हैं। संपर्क का स्रोत:- sirshubham84@gmail.com

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