इंडिया न्यूज, Washington News (Inflation in America): महंगाई से इस बार न केवल भारत की जनता परेशान है बल्कि अमेरिका में भी जनता पर महंगाई की मार पड़ रही है। अमेरिका में गैस, भोजन और किराए की बढ़ती कीमतों ने मुद्रास्फीति को 4 दशक के नए शिखर पर पहुंचा दिया है। दरअसल, बुधवार को अमेरिका में जून महीने के महंगाई के आकड़े जारी किए गए।

इनके मुताबिक अमेरिका में जून महीने में महंगाई की दर बढ़कर 9.1 फीसदी पर पहुंच गई, जो पिछले 41 सालों में सबसे ज्यादा है। यह साल 1981 के बाद से 12 महीनों में हुई सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। महंगाई दर बढ़ने के कारण मंदी की आशंका और तेज हो गई है। बता दें कि मई में अमेरिका में महंगाई दर 8.6 प्रतिशत रही थी। इस तरह से महज एक महीने (मई से जून) में ही महंगाई दर में 1.3 प्रतिशत का इजाफा हो गया है।

महंगाई पर क्या कहा बाइडेन ने

इस बीच महंगाई पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ऐसा बयान दे दियसा जिससे उनकी हर आलोचना होने लग गई। जो बाइडन ने कहा कि महंगाई का यह डेटा पुराना हो गया है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर काफी ज्यादा है लेकिन इसके आंकड़े पुराने जारी किए गए हैं।

बाइडन के मुताबिक महंगाई के जो आंकड़े आए हैं, उनमें पिछले करीब 30 दिनों के दौरान गैस की कीमतों में आई गिरावट का असर नहीं दिखा है। उन्होंने कहा कि जून के मध्य से अब तक गैस की कीमतें 40 सेंट कम हो चुकी हैं। इसके अलावा गेहूं की कीमतें भी कम हुई हैं। इन कारणों से अमेरिकी लोगों के लिए जीवन-यापन करने में राहत मिली है।

फेड फिर से बढ़ा सकता है ब्याज दरें

बता दें कि अमेरिका में एक बार फिर से महंगाई की ऐसी ऊंची दर सामने आने के बाद फेडरल रिजर्व द्वारा आक्रामक मौद्रिक नीति अपनाई जा सकती है। इससे पहले फेडरल रिजर्व ने जून महीने में ब्याज दर को 0.75 फीसदी बढ़ाया था। यह 28 साल के बाद एक बार में ब्याज दर में की गई सबसे बड़ी बढ़ोतरी थी। लेकिन अब ऐसा अनुमान है कि इस महीने होने वाली नीतिगत समीक्षा में फेडरल रिजर्व ब्याज दर को फिर से 0.75 फीसदी बढ़ा सकता है। फेडरल रिजर्व पहले ही इस महीने ब्याज दर में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी का संकेत दे चुका है।

जल्द राहत मिलने के आसार

बता दें कि अमेरिका में गैस की कीमतें कम होने के बाद कुछ अर्थशास्त्री उम्मीद जता रहे हैं कि जल्द ही लोगों को महंगाई से राहत मिल सकती है। गैस की कीमतें जून के महीने में 5 डॉलर के प्रति गैलन से गिरकर मंगलवार तक देश में औसतन 4.66 प्रतिशत पर पहुंच गई है। हालांकि एक साल पहले के मुकाबले यह अब भी अधिक है।

ये भी पढ़े : माइक्रोसॉफ्ट ने की कर्मचारियों की छंटनी, बताया ये कारण

ये भी पढ़े : सेंसेक्स में 200 अंकों की तेजी, निफ्टी निकला 16000 के पार

ये भी पढ़ें : केवाईसी नियमों का पालन नहीं कर रहे ये बैंक, आरबीआई ने ठोका जुर्माना

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube