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International Day for the Abolition of Slavery 2023: यहां जानें इस दिन का इतिहास, खासियत और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

India News(इंडिया न्यूज),International Day for the Abolition of Slavery 2023: आज के दौर में जहां हमारे लिए सबकुछ आसान हो गया है। इस दौर में भी कुछ चिजें ऐसी है जो कि लगातार हमारे समाज के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। जिसमें से एक सबसे खास है गुलामी। ये शब्द कितना सरल है लेकिन ये उतनी ही कष्टदाय है। हम हर वो व्यक्तियों की तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम, जबरन विवाह आदि सहित गुलामी के समकालीन रूपों को खत्म करने के महत्व को उजागर करने के लिए हर साल 2 दिसंबर को यह दिन मनाते है।

जानिए कुछ खास तथ्य

आईए अब तथ्यों पर बातें करते है। जानकारी के लिए बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जारी रिपोर्ट को अगर हम आधार माने तो दुनिया भर में लगभग 150 मिलियन बच्चे बाल श्रम के अधीन हैं। दुनिया भर में 40 मिलियन से अधिक लोग आधुनिक गुलामी के शिकार हैं। यह दिन गुलामी के समकालीन रूपों को खत्म करने पर केंद्रित है, जिसमें व्यक्तियों की तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम के सबसे खराब रूप, जबरन विवाह और सशस्त्र संघर्ष में उपयोग के लिए बच्चों की जबरन भर्ती शामिल है। इस वर्ष गुलामी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस का स्मरण कार्यक्रम “परिवर्तनकारी शिक्षा के माध्यम से गुलामी की नस्लवाद की विरासत से लड़ना” विषय पर केंद्रित होगा।

जानें क्या है इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस की शुरुआत 2 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। व्यक्तियों के अवैध व्यापार के दमन और दूसरों के वेश्यावृत्ति के शोषण के लिए कन्वेंशन 2 दिसंबर 1949 को विधानसभा द्वारा पारित किया गया था। इसी तरह, 18 दिसंबर 2002 के संकल्प 57/195 द्वारा, विधानसभा ने 2004 को इसकी स्मृति में अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में अधिसूचित किया था। गुलामी के विरुद्ध संघर्ष और उसका उन्मूलन। यह दिन गुलामी के वर्तमान रूपों को खत्म करने पर केंद्रित है, जैसे व्यक्तियों की तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम, जबरन विवाह और सशस्त्र प्रतिद्वंद्विता में उपयोग के लिए बच्चों की दबावयुक्त भर्ती।

कैसे मनाते है ये दिन?

इसके साथ ही बता दें कि, इस दिन को मनाने के लिए, कई लोग कविता, निबंध, साक्षात्कार, फीचर लेख, कहानियां और अन्य प्रकार की प्रकाशित सामग्री के माध्यम से लेखन में अपने विचार साझा करने का अवसर लेते हैं। दास व्यापार के इतिहास, इसके विकास और समय के साथ हुए परिवर्तनों की समीक्षा के लिए सत्र आयोजित किए जाते हैं। इस उत्सव के दौरान ऑनलाइन, प्रिंट और प्रसारण मीडिया द्वारा आधुनिक दास व्यापार और मानवाधिकारों पर इसके प्रभावों को बढ़ावा दिया जाता है। इस आयोजन में कुछ राजनीतिक नेता भी भाग लेते हैं और आधुनिक समाज में किसी भी प्रकार की गुलामी को खत्म करने के लिए मिलकर काम करने का संदेश देते हैं। दासता और दास व्यापार को समाप्त करने के बारे में समाचार पत्र, पत्रक, फ़्लायर्स, पोस्टर और अन्य प्रकाशित सामग्री विश्वविद्यालयों और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों में वितरित की जाती हैं। यह कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं है।

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Shubham Pathak

शुभम पाठक लगभग दो वर्ष से पत्रिकारिता जगत में है। वर्तमान में इंडिया न्यूज नेशनल डेस्क पर कार्यरत है। वहीं इससे पूर्व में STV Haryana, TV100, NEWS India Express और Globegust में काम कर चुके हैं। संपर्क का स्रोत:- sirshubham84@gmail.com

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