इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
International Day Of Peace दुनियाभर के लोगों में आपस में प्रेम की भावना और मानवता को संजोए रखने के लिए हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पूरी दुनिया में विश्व शांति दिवस मनाया गया। इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र संगठन से लेकर कई अन्य संगठनों ने हमेशा की तरह कई कार्यक्रम आयोजित किए। हर साल 21 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जाता है। इसका मैन मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों के नागिरकों के बीच शांति बहाली के अलावा अंतरराष्ट्रीय संघर्षों और विवादों पर विराम लगाना भी है।
सफेद कबूतरों को हमेशा से शांतिदूत माना जाता है इसलिए इस दिन सफेद कबूतरों को उड़ाने की परंपरा भी है। संयुक्त राष्ट्र ने हर साल की तरह इस साल भी अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाए जाने के लिए थीम अनाउंस किया था। इस साल अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस का थीम ‘एक समान और सतत विश्व के लिए बेहतर रिकवरी’ का चयन किया गया था। कोरोना महामारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ का कहना है कि महामारी के इस दौर में दया, आशा और करूणा से अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस को मनाएं, साथ ही भेदभाव या घृणा को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ खड़े हों।
विश्व शांति दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र शांति की घंटी बजाकर होती है, जिसमें एक तरफ लिखा होता है कि विश्व में शांति हमेशा बनी रहें। ये घंटी अफ्रीका को छोड़कर बाकी सभी महाद्वीपों के बच्चों के दान किए गए सिक्कों से बनाई गई है। अपनी इसी बात को दुनिया तक पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने हर क्षेत्र जैसे साहित्य, कला, सिनेमा, संगीत और खेल जगत की प्रसिद्ध हस्तियों को शांतिदूत नियुक्त किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार 1981 ं इस दिन को मनाने की घोषणा की थी ताकि तमाम देशों और उनके लोगों के बीच शांति कायम रह सके। 1982 से लेकर 2001 तक विश्व शांति दिवस को हर साल सितंबर के तीसरे मंगलवार के दिन मनाया जाता था। संयुक्त राष्ट्र ने साल 2002 से इसे 21 सितंबर को मनाए जाने की घोषणा की। इसके बाद इसे बदलकर में 21 सितंबर कर दिया गया। तब से यह दिवस 21 सितंबर को ही हर साल मनाया जाता है।
पिछले साल ये थी थीम पिछले साल विश्व शांति दिवस समारोह का थीम ह्यक्लाइमेट एक्शन फॉर पीसह्ण था। इस थीम का मकसद दुनिया के लोगों को यह बताना था कि शांति बनाए रखने के लिए जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। जलवीयु में आए दिन हो रहे परिवर्तन विश्व की शांति और सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री नेहरु ने विश्व शांति बनी रहे इसके लिए पांच मूल मंत्र दिए थे, ये पंचशील के सिद्धांत के तौर पर जाने जाते हैं। इनके मुताबिक विश्व में शांति की स्थापना के लिए एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता बनाए रखने और सम्मान किए जाने की बात कही गई थी।
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