India News (इंडिया न्यूज), Iran Afghanistan Relations: ईरान ने अफ़गानिस्तान के साथ 330 किलोमीटर लंबी सीमा को बंद करने की घोषणा की है। ईरानी सेना के कमांडर सिरस अमानोलाही ने कहा है कि अफ़गानिस्तान के साथ ईरान की पूर्वी सीमा को बंद करने की परियोजना इस साल के अंत तक पूरी हो जाएगी। ईरान की पूर्वी सीमा की अपनी यात्रा के दौरान सिरस अमानोलाही ने कहा कि सीमा बंद करने की परियोजना ईरान के भीतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू की जा रही है। हालांकि, ईरान के इस फ़ैसले से पाकिस्तान की टेंशन बढ़ गई है। पाकिस्तान हर साल अफ़गानिस्तान और ईरान के ज़रिए बड़ी संख्या में लोगों को यूरोप में घुसपैठ कराता है। अगर ईरान अपनी सीमा बंद करता है, तो पाकिस्तान को यूरोप में घुसपैठ के लिए कोई नया रास्ता तलाशना होगा। जानकारी के लिए बता दें कि, दुबई में मुस्लिम देशों की मीटिंग में पाकिस्तान ने खुद को ईरान के साइड से बताया था और मुस्लिम देशों से सपोर्ट मांगा था लेकिन इसके बदले ईरान ने अफ़गानिस्तान के साथ 330 किलोमीटर लंबी सीमा को बंद करने की घोषणा कर दी।
ईरान ने सीमा पर बढ़ाई सुरक्षा
टोलोन्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी सेना के सेना कमांडर ने कहा: “दोनों देशों, ईरान और अफ़गानिस्तान के बीच बढ़ते संपर्कों को देखते हुए, हम दिन-ब-दिन साझा सीमाओं पर सुरक्षा में वृद्धि देख रहे हैं। सीमा पर सशस्त्र सुरक्षा बलों की मौजूदगी और भी बढ़ा दी गई है।” इस बीच, इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता हमदुल्ला फतरत ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ सीमा बंद करने की परियोजना को लागू करना ईरान का अधिकार है और यह परियोजना इस्लामिक अमीरात की सहमति और समन्वय से की जा रही है।
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ईरान की घोषणा पर तालिबान ने का बयान
इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता ने कहा कि, “अपने क्षेत्र में सीमा बंद करने की ईरान की इच्छा उसका अधिकार है और वे अपनी सीमाओं को बेहतर ढंग से सुरक्षित करने के लिए सुरक्षा उपाय कर सकते हैं। सीमा बंद करने की परियोजना का कार्यान्वयन इस्लामिक अमीरात की सहमति और समन्वय से किया जा रहा है।” सैन्य मामलों के विशेषज्ञ यूसुफ अमीन ज़ज़ई ने कहा, “अफगानिस्तान और ईरान के बीच सीमाओं पर किया जाने वाला कोई भी काम दोनों देशों की सरकारों के बीच समझौते पर आधारित होना चाहिए। अगर कोई समझौता नहीं होता है, तो यह काम एकतरफा है और अफगानिस्तान के लोगों को अस्वीकार्य है।”
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