India News(इंडिया न्यूज), Iran Israel Conflict: ईरान ने 1 अक्टूबर, 2024 को इजरायल पर मिसाइल हमलों की एक श्रृंखला शुरू की, जिसके कुछ ही मिनटों के भीतर ईरान ने इजरायल पर 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। अब इजरायल ने इस हमले का जवाब शनिवार (26 अक्टूबर, 2024) को ईरानी सैन्य स्थलों पर छापा मारकर दिया है, साथ ही ईरान को हमलों का जवाब न देने की चेतावनी भी दी है। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय का कहना है कि ईरान मध्य पूर्व में सबसे अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस है। 

ईरान के पास है ये मिसाइलें

अगर हम ईरान के मिसाइलों की बात करें तो उनके पास ऐसी-ऐसी मिसाइलें जो इजरायल को टक्कर देने के लिए काफी है। दरअसल, अर्ध-आधिकारिक ईरानी समाचार आउटलेट ISNA ने अप्रैल में एक ग्राफिक प्रकाशित किया था। जिसमें 9 ईरानी मिसाइलें दिखाई गईं। इन मिसाइलों के बारे में कहा जाता है कि ये मिसाइलें इजरायल तक पहुंच सकती है। ईरान के पास सेजिल, खेइबर, हज कासेम, शाहाब-1, जोल्फागर,  शाहाब-3, इमाद-1 और सेजिल मिसाइलें हैं। इनमें से कुछ बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। अगर हम इसके रेंज और रफ्तार की बात करें तो सभी मिसाइलों की अलग-अलग रफ्तार हैं। इन मिसाइलों को देखकर और इनके फीचर्स के बारे में जानकर हम ये कह सकते हैं कि ये इजरायल को तबाह करने के लिए काफी है। 

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क्या है इन मिसाइलों की रेंज?

ईरान के पास मौजूद इन मिसाइलों के बारे में कहा जाता है कि,वे इजरायल तक पहुंच सकती हैं। इन मिसाइलों में “सेजिल” है, जो 17,000 किमी (10,500 मील) प्रति घंटे से अधिक की गति से उड़ान भरने में सक्षम है और इसकी रेंज 2,500 किमी (1,550 मील) है। तो वहीं दूसरी तरफ अगर हम खेइबर के रेंज की बात करें तो इसकी रेंज 2,000 किमी (1,240 मील) है और हज कासेम की रेंज 1,400 किमी (870 मील) है। 

शिंगटन के नॉन-गवर्नमेंटल ऑर्गनाइजेशन आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन ने जानकारी देते हुए बताया कि, ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों में “शाहाब-1” है, जिसकी अनुमानित रेंज 300 किमी (190 मील) है। “जोलफागर” की रेंज 700 किमी (435 मील) है। “शाहाब-3” की रेंज 800-1,000 किमी (500 से 620 मील) है। “इमाद-1” मिसाइल जिसे अभी डेवलप किया जा रहा है, इसकी रेंज 2,000 किमी (1,240 मील) तक है, जबकि “सेजिल” की रेंज 1,500-2,500 किमी (930 से 1,550 मील) तक है।

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इन मिसाइलों के बारे में क्या कहता है ईरान?

कबैलिस्टिक मिसाइलों के बारे में ईरान का कहना है कि, उसकी बैलिस्टिक मिसाइलें संयुक्त राज्य अमेरिका, इजरायल और अन्य संभावित क्षेत्रीय लक्ष्यों के खिलाफ एक प्रमुख निवारक हैं। इसने परमाणु हथियार क्षमता की मांग से इनकार किया है। यू.एस. स्थित फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के वरिष्ठ फेलो बेहनाम बेन तालेब्लू की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान भूमिगत मिसाइल डिपो और भूमिगत मिसाइल उत्पादन और भंडारण केंद्रों को परिवहन और फायरिंग सिस्टम के साथ विकसित करना जारी रखता है। फेलो बेहनाम बेन तालेब्लू ने कहा कि जून 2020 में ईरान ने अपनी पहली भूमिगत बैलिस्टिक मिसाइल दागी।

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