India News (इंडिया न्यूज), Hezbollah: इजरायल और ईरान के बीच का संघर्ष पश्चिम एशिया को फंसाए हुए है। लेबनान में हिजबुल्लाह, गाजा में हमास और सीरिया में हूती पर इजरायल ने हमला लगातार जारी रखा है। इस बीच हिजबुल्लाह कमांडर हसन नसरल्लाह और हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद ईरान ने इजरायल पर हमला कर दिया था। हिजबुल्लाह ने एक बार फिर मंगलवार की रात को इजरायल पर हमला किया है। इसके बाद हिजबुल्लाह नेता शेख नईम कासिम ने अंतरग्राउण्ड बंकर से अपना एक बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने इजरायल को चेताया है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, हिजबुल्लाह का जन्मदाता और पालक ईरान है। लेकिन, इस बार ईरान ने हिजबुल्लाह को ऐसा फंसाया है कि वह पहली बार बिना शर्त युद्धविराम के लिए चिल्ला रहा है।
इजरायल ने हसन नसरल्लाह को मारकर किया हिजबुल्लाह को तबाह
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर जो हमला किया था। उससे पूरा इजरायल दहल उठा था। इसके पीछे हिजबुल्लाह और हमास दोनों का हाथ बताया जा रहा था। इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास और हिजबुल्लाह को जड़ से खत्म करने की कसम खाई थी। फिर इजरायल ने हिजबुल्लाह कमांडर हसन नसरल्लाह और हमास चीफ इस्माइल हनिया को मार गिराया था। इसके अलावा हिजबुल्लाह के भौतिक बुनियादी ढांचे को खत्म करने के लिए दक्षिणी लेबनान में इजरायली सेना ने जमीनी हमला भी किया।
इजरायल लेबनान पर हमला करेगा तेज
लेबनानी क्षेत्र में इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) की घुसपैठ ने संकट को बढ़ा दिया है, जिससे हिजबुल्लाह के लिए अस्तित्व का खतरा पैदा हो गया है। इजरायल अब यहीं नहीं रुकने वाला है। उन्होंने लेबनान में जमीनी कार्रवाई को और अधिक बढ़ाने का ऐलान किया है। लेबनान की जंग में इजरायली सेना ने पहली बार रेगुलर सैनिकों के अलावा रिजर्व सैनिकों को भी उतार दिया है। इसके साथ ही इजरायल ने दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों को खाली करने का भी निर्देश दिया है। आईडीएफ का कहना है कि जब तक उत्तरी इजरायल सुरक्षित नहीं हो जाता, तब तक लेबनान में सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी।
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प्रमुख की मौत के बाद लरखड़ाया हिजबुल्लाह
हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद उनके बाकी बचे नेता डर के मारे किसी बिल में दुबके हुए हैं। इसके साथ ही हिजबुल्लाह के कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया है। इसकी वजह से लेबनानी राजनीति में सत्ता का शून्य पैदा हो गया है। हाल ही में एक सर्वेक्षण सामने आया है। इसमें ये बात सामने आया है कि, 90 प्रतिशत लेबनानी शांति के पक्ष में हैं।
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