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मिडिल ईस्ट के इस इस्लामिक देश में परिवार आगे नहीं बढ़ाना चाहती महिलाएं, वजह जानकर चकरा जाएगा माथा

Subham Srivastava • LAST UPDATED : October 27, 2024, 2:05 pm IST

India News(इंडिया न्यूज), Iran Population Declined : भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है। भारत में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके कारण संसाधनों की कमी का संकट पैदा हो सकता है। इसके कारण देश में जनसंख्या कानून लाने की आवाज भी समय-समय पर उठती रहती है। इसके अलावा दुनिया के कई देशों में बढ़ती जनसंख्या नहीं बल्कि घटती जनसंख्या बड़ी समस्या बन रही है। ऐसे देशों में युवा पीढ़ी बच्चे पैदा नहीं कर रही है। ऐसे में वहां लगातार जनसंख्या कम होती जा रही है। एक धारणा यह भी है कि मुस्लिम परिवार दूसरों की तुलना में अधिक बच्चे पैदा करते हैं। लेकिन मध्य पूर्व में एक मुस्लिम देश ऐसा भी है जहां जनसंख्या तेजी से घट रही है। हम यहां ईरान की बात कर रहे हैं। जो तेजी से बुजुर्गों का देश बनता जा रहा है। हाल के दिनों में ईरान का इजरायल और अमेरिका के साथ तनाव अपने उच्चतम स्तर पर है। ईरान में इजरायली हमले के बाद तनाव और भी बढ़ गया है। यही कारण है कि इस समय ईरान दुनिया में एक जाना-माना नाम है।

ईरान में तेजी से बढ़ रही है बुजुर्गों की आबादी

ईरान में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। aa.com.tr की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2051-52 तक ईरान की 32 प्रतिशत आबादी बूढ़ी हो जाएगी। वर्तमान में ईरान की आबादी करीब 8.9 करोड़ है। इसमें से एक करोड़ लोग बूढ़े हैं। 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद इस देश में बहुत कुछ बदल गया है। यहां लोगों की औसत आयु बहुत बढ़ गई है। महिलाओं की औसत आयु 78 और पुरुषों की 76 साल हो गई है। इसके अलावा यह बात भी सामने आई है कि ईरान में लोग अपने परिवार नहीं बढ़ा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ईरान में 31 से 39 साल के बीच के करीब 40 लाख युवा अविवाहित हैं। जो कुल आबादी का करीब पांच फीसदी है। प्रजनन दर में गिरावट ईरान में 1980 में प्रजनन दर 6.5 थी। तब सरकारों ने 3 से 4 बच्चे पैदा करने वाले परिवारों को बैंक लोन, प्लॉट, कार आदि देना शुरू किया था। लेकिन, इसमें गिरावट जारी रही। आज ईरान में प्रजनन दर घटकर 1.5 फीसदी रह गई है। यह शायद किसी भी इस्लामिक देश में सबसे कम है।

जनसंख्या में गिरावट का कारण क्या है?

जनसंख्या का अध्ययन करने वाले तेहरान के प्रोफेसर सैयद नरीजई का मानना ​​है कि इस देश की सबसे बड़ी समस्या इसकी जनसंख्या है। यहां 1980 के दशक में एक जोड़े के औसतन 5 से 6 बच्चे होते थे। वह आंकड़ा आज घटकर एक से दो रह गया है। सैयद नरीजई कहते हैं कि पहले तो युवा शादी नहीं कर रहे हैं, फिर जो लोग शादी कर रहे हैं उनमें से कई अपना परिवार नहीं बढ़ाना चाहते हैं। इसके अलावा ईरान के लोगों को आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। वे मानने लगे हैं कि ज्यादा बच्चे पैदा करने से ज्यादा समस्याएं और ज्यादा जिम्मेदारी आएगी।

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ईरान की जनसंख्या

अगर ईरान की जनसंख्या की बात करें तो 1980 में जनसंख्या करीब 4 करोड़ थी। 1990 में यह 5.57 करोड़ हो गई और फिर 2000 में यह 6.6 करोड़ हो गई। 2010 में इसकी जनसंख्या 7.57 करोड़ हो गई। 2020 में यह जनसंख्या 8.77 करोड़ हो गई। यानी वर्ष 2000 के बाद जनसंख्या वृद्धि की दर काफी धीमी हो गई है। वर्ष 2024 में इस देश की जनसंख्या 9.1 करोड़ है।

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