India News (इंडिया न्यूज), Ahmadinejad: इब्राहिम रईसी की मौत के बाद ईरान में 28 जून को नए राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। राष्ट्रपति पद के दावेदारों में पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद का नाम सामने आ रहा था, लेकिन ईरान की गार्जियन काउंसिल ने महमूद अहमदीनेजाद के दोबारा चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। अहमदीनेजाद समेत अन्य उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
आपको बता दें कि ईरान के पिछले चुनावों में भी महमूद अहमदीनेजाद ने चुनाव लड़ने के लिए अपना नाम प्रस्तावित किया था, लेकिन ईरान की गार्जियन काउंसिल ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। इब्राहिम रईसी की मौत के बाद उन्होंने फिर से राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की, लेकिन इस बार भी उनकी उम्मीदवारी खारिज कर दी गई है। ईरानी नेता महमूद को इजरायल का कट्टर विरोधी माना जाता रहा है। इसके साथ ही पिछले कुछ समय से वह ईरान के राजनीतिक आकाओं के विचार के खिलाफ अपनी राय जाहिर करते रहे हैं। हाल ही में रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध में ईरान रूस का साथ दे रहा है, लेकिन महमूद अहमदीनेजाद ने यूक्रेन का साथ दिया। इसके अलावा वह कई अन्य मौकों पर भी ईरानी सरकार की आलोचना करते रहे हैं।
ईरान की गार्जियन काउंसिल ने पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद को फिर से चुनाव लड़ने से रोक दिया है। उन्हें 2009 में अपने विवादास्पद पुनर्निर्वाचन के बाद की गई कार्रवाइयों के लिए जाना जाता है। महमूद अहमदीनेजाद ने 2005 के राष्ट्रपति चुनाव में अली अकबर हाशमी रफसनजानी को हराया था और 2013 तक ईरान के राष्ट्रपति रहे। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और सात अन्य की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। उसके बाद ईरान में चुनावों की घोषणा की गई है।
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ईरान की गार्जियन काउंसिल ने रविवार को देश की संसद के कट्टरपंथी स्पीकर और पांच अन्य को 28 जून को देश के राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने की मंजूरी दे दी। इस तरह ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में छह दावेदार मैदान में होंगे।
जिन लोगों को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने की मंजूरी दी गई है। इनमें सईद जलीली मोहम्मद बाघेर ग़ालिबफ़, अलीरेज़ा ज़कानी, अमीर-होसैन ग़ाज़ीज़ादेह हाशमी, मुस्तफ़ा पूरमोहम्मदी और मसूद पेजेशकियन शामिल हैं। सईद जलीली और ग़ालिबफ़ को चुनाव जीतने के लिए दो पसंदीदा उम्मीदवार माना जाता है। ईरान का अगला राष्ट्रपति उनमें से एक होगा।
परिषद के इस फ़ैसले से रईसी की जगह लेने के लिए दो हफ़्ते के संक्षिप्त अभियान की शुरुआत हो गई है। रईसी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई के कट्टर अनुयायी हैं और उन्हें कभी 85 वर्षीय मौलवी का संभावित उत्तराधिकारी माना जाता था।
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