India News (इंडिया न्यूज), Islamic Law: देश-दुनिया में अक्सर अलग-अलग धर्मों के बीच में धार्मिक नियम को लेकर संघर्ष देखने को मिलता रहता है। जो समय के साथ एक खतरनाक नासूर बन के उभरा है। भारत में भी अक्सर इस्लामिक कानूनों को लेकर बहस होती रहती है। इस बीच पाकिस्तान के इस्लामिक स्कॉलर ने इस्लामी कानून को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने मुस्लिम धार्मिक समूहों पर इस्लामी कानून को अपनी जरूरतों के हिसाब से तोड़-मरोड़ कर लोगों के सामने पेश करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने मौत का फतवा जारी करने की आलोचना की है और कहा है कि यह शरिया के खिलाफ है और गैरकानूनी भी है।
दरअसल, काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी के चेयरमैन डॉ. रागीब हुसैन नैमी ने गुरुवार (29 अगस्त) को कहा कि इस्लामी कानून में कहीं भी पवित्र किताब कुरान का अपमान करने पर मौत की सजा का जिक्र नहीं है। लेकिन धार्मिक तत्व ईशनिंदा के संदिग्धों को मारने के लिए भीड़ का सहारा लेते हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल गैर-इस्लामी है बल्कि देश के कानून के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि धार्मिक समूह इस्लामी कानून में हेरफेर कर रहे हैं और लोगों को ऐसी बातें बता रहे हैं, जिनका कानून में कहीं भी जिक्र नहीं है। द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. रागिब हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ईशनिंदा कानून में चार अलग-अलग सजाओं का उल्लेख है। जो कुरान, पैगंबर के परिवार के सदस्यों और उनके सहयोगियों का अपमान करने पर दी जाती हैं।
गर्ल्स हॉस्टल के वाशरूम में लगा था हिडेन कैमरा, छात्र के लैपटॉप में मिले वीडियो और फोटो
डॉ. रागीब हुसैन नैमी ने कहा कि इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान का अपमान करने पर आजीवन कारावास का प्रावधान है। जबकि अगर कोई पैगंबर के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करता है, तो उसे सात साल तक की सजा दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस्लामिक कानून के अनुसार, मौत की सजा तब दी जाती है। जब कोई इस्लाम के पैगंबरों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करता है या उनका अपमान करता है। उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक समूहों का मानना है कि चारों अपराधों के लिए एक ही सजा है, और वह मौत है।
Hamas ने मचाई तबाही फिर भी Israel ने क्यों रोक दी जंग? वजह जानकर मुस्लिम देश की करेंगे तारीफें
डॉ. नैमी ने कहा कि ईशनिंदा के संदेह में किसी के लिए मौत का फतवा जारी करने का अधिकार किसी को नहीं है। इस दौरान उन्होंने धार्मिक समूहों की आलोचना की। साथ ही कहा कि वे राजनीतिक लाभ के लिए भावनाओं से खेलते हैं। डॉ. नैमी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ मौत का फतवा जारी करना हराम है, तो उन्हें 500 से अधिक धमकियाँ मिलीं। इनमें से कई में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने आगे कहा कि किसी को जान से मारने का फतवा जारी करना असंवैधानिक, अवैध और शरिया के खिलाफ है।
India News (इंडिया न्यूज),UP News: चमनगंज क्षेत्र के तकिया पार्क के पास स्थित 1 मंदिर…
India News (इंडिया न्यूज),JDU Leaders Flagged Off Chariot: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब मात्र…
India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस हमलावर नजर…
India News (इंडिया न्यूज),Himachal Pradesh Weather: हिमाचल के निचले पहाड़ी इलाकों में कड़ाके की ठंड…
India News (इंडिया न्यूज),MP News: MP के CM डॉ. मोहन यादव रविवार (22 दिसंबर) को…
India News (इंडिया न्यूज),Muzaffarnagar News: यूपी के मुजफ्फरनगर से एक सनसनीखेज घटना सामने निकलकर आई…