India News (इंडिया न्यूज), Israel Anti-Government protest: इजरायल इस वक्त हमास और हिज्बुल्लाह दोनों के साथ युद्ध लड़ रहा है। इस बीच इजरायल सरकार के खिलाफ हजारों प्रदर्शनकारी राजधानी तेल अवीव के मध्य में एकत्र हुए हैं। साथ ही गाजा में बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई के लिए अधिक प्रयास करने की मांग कर रहे हैं। इजरायली प्रदर्शनकारियों ने शनिवार (14 सितंबर) को सेना मुख्यालय तथा अन्य सरकारी भवनों पर धावा बोला, तथा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ नारे लगाए। इसके अलावा युद्धग्रस्त क्षेत्र में अभी भी बंद सौ से अधिक कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हमास के साथ शांति स्थापित करने का दबाव बनाया।

इजरायली नागरिकों ने की शांति समझौता की मांग

बता दें कि, दो सप्ताह पहले गाजा से छह बंधकों के शव बरामद होने के बाद, इजरायल में एक बार फिर व्यापक प्रदर्शन हुए हैं। अल जजीरा के अनुसार, पिछले सप्ताहांत हुए प्रदर्शन में अनुमानित 750,000 लोग शामिल हुए थे। वहीं शनिवार को मार्च में शामिल हुए बंदियों के परिवारों ने बंदियों की रिहाई के लिए बातचीत करने के सरकार के अप्रभावी प्रयासों पर अपनी निराशा व्यक्त की। साथ ही कई लोगों ने समझौता वार्ता में विफलता के लिए नेतन्याहू को जिम्मेदार ठहराया, क्योंकि उन्हें लगा कि इससे उन्हें युद्ध की अवधि तक सत्ता में बने रहने में मदद मिलेगी। दरअसल, इजरायल ने गाजा पर अपने हमले को हमास के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के रूप में वर्णित किया है। जिसका लक्ष्य पूरे आतंकवादी समूह को खत्म करना है, जबकि नागरिक हताहतों को कम से कम करने का प्रयास करना है।

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गाजा केर नागरिक भुगत रहे खौफनाक परिणाम

दरसल, गाजा में संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद बढ़ गया। जिसमें लगभग 2,500 आतंकवादियों ने गाजा पट्टी से इजरायल की सीमा का उल्लंघन किया, जिसके कारण हताहत हुए और बंधकों को पकड़ लिया गया। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि हाल ही में एक घटना में, गाजा में एक स्कूल में शरण लेने वाले इजरायली हवाई हमलों में मारे गए लोगों में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के छह कर्मचारी भी शामिल थे। बता दें कि, छह कर्मचारी निकट पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) के थे। जो फिलिस्तीन शरणार्थियों की सहायता करने वाली एजेंसी है। मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए यूएन न्यूज ने बताया कि हमलों में कम से कम 34 लोग मारे गए। UNRWA ने कहा कि पीड़ितों में आश्रय प्रबंधक और टीम के अन्य सदस्य भी शामिल हैं।

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