India News (इंडिया न्यूज),Israel Attack On Iran: पश्चिम एशिया या मध्य पूर्व में किसी बड़े युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। ईरानी सहयोगियों पर इजरायल के लगातार हमलों के बाद कल ईरान ने भी जवाब दिया। हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह और इस्माइल हनीया की मौत का बदला लेने के लिए दागी गई मिसाइलों से इजरायल को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा। अब इजरायल भी इसका जवाब देने के लिए तैयार है और माना जा रहा है कि कुछ लक्ष्यों की पहचान भी कर ली गई है। इजरायल के मुख्य लक्ष्य अराक, इफ्ताहान, बशर, फोर्डो और नतांज में स्थित परमाणु ठिकाने, यूरेनियम खदानें, सैन्य अड्डे और अनुसंधान रिएक्टर हो सकते हैं। इनके अलावा तेहरान में अनुसंधान रिएक्टर और सनहान-यज्द में यूरेनियम खदानें भी उनके निशाने पर हो सकती हैं।
ईरान ने लंबी दूरी तक मार करने वाली दागीं मिसाइलें
ईरान ने इस हमले के लिए हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों की बड़ी बौछारें दागीं। इजरायल में करीब एक करोड़ लोगों को बम आश्रयों में जाना पड़ा। अधिकांश मिसाइलें हवा में ही नष्ट हो गईं, लेकिन कुछ जमीन पर गिर गईं, जिससे हेब्रोन में एक फिलिस्तीनी की मौत हो गई और दो इजरायली घायल हो गए। ईरान ने पहली बार फतह-2 मिसाइल का इस्तेमाल किया, जिसकी रेंज 1400 किलोमीटर है और यह 18,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर सकती है। इजरायली वायु रक्षा कुछ हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोकने में विफल रही या वे ऐसी जगहों पर गिरीं जहां कोई नुकसान नहीं हुआ। इनके अलावा ईरान ने इमाद और ग़दर-110 मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया।
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इन सात मोर्चों पर डटा है इजरायल
इजराइल एक साथ सात मोर्चों पर सक्रिय है, जिसमें ईरान, लेबनान, यमन, इराक, सीरिया, गाजा और वेस्ट बैंक शामिल हैं। इजरायल ने इन सभी जगहों पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। अब वह ईरान में खामेनेई की सरकार से सीधे मुकाबले में है। लेबनान में उसने हिजबुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व को लगभग खत्म कर दिया है।
इजराइल का रक्षा कवच हवा में ही कर देता है खत्म
अपनी सबसे शक्तिशाली मिसाइलों का इस्तेमाल करने के बावजूद ईरान इजराइल को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सका और इसकी वजह इजराइल का एयर डिफेंस सिस्टम है। आयरन डोम 2011 से रक्षा कवच के तौर पर काम कर रहा है। इसकी योजना 2007 से ही बनाई गई थी। इसकी सफलता दर 90% है। यह कम दूरी की मिसाइलों को नष्ट कर देता है। इससे दागी गई हर मिसाइल की कीमत 50,000 अमेरिकी डॉलर है।
दूसरा है डेविड स्लिंग, जो 2017 में सक्रिय हुआ। इसे दुश्मन के विमान, ड्रोन, सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों, मध्यम से लंबी दूरी के रॉकेट और क्रूज मिसाइलों को रोकने के लिए बनाया गया है, जिन्हें 40 से 300 किलोमीटर की दूरी से दागा जाता है। इनके अलावा इजराइल के पास एरो-1, 2 और 3 सिस्टम हैं।
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