India News (इंडिया न्यूज), India Stand On Israel: इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में यूएन पीस कीपिंग फोर्स पर कल हमला कर दिया था। इस हमले के बाद एक जॉइंट स्टेटमेंट सामने आया है। हम आपको बताते चले कि, यूनाइटेड नेशन इंटरिम फोर्स इन लेबनान की तरफ से आए संयुक्त बयान पर 34 देशों ने हस्ताक्षर किया। भारत ने इसका समर्थन किया है। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूनिफिल) में योगदान देने वाले देशों के उस संयुक्त बयान का समर्थन भारत ने भी समर्थन किया है। हम आपको बताते चलें कि इजरायल की इस हरकत की वजह से भारत भी खासा नाराज हो गया है। 

किन देशों ने किया इसका विरोध

दक्षिणी लेबनान के इस इलाके में यूएन पीस कीपिंग फोर्स के कई पोस्टों को लगातार इजरायल की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है। यूएन पीस फोर्स में जिन देशों की सेनाएं हैं वो देश इजरायल की इस हरकत से नाराज हो गया है। इसी कारण भारत भी अपनी नाराजगी खुलकर जता रहा है। दरअसल दक्षिणी लेबनान में यूएन पीस कीपिंग फोर्स पर हमले के बाद एक ज्वाइंट स्टेटमेंट आया है। यूनाइटेड नेशन इंटरिम फोर्स इन लेबनान की तरफ से आए संयुक्त बयान पर 34 देशों ने हस्ताक्षर किया है। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूनिफिल) में योगदान देने वाले देशों के उस संयुक्त बयान का भारत ने समर्थन किया है।

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ज्वाइंट स्टेटमेंट में क्या कहा गया?

हम आपको बताते चले कि इसके खिलाफ एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया गया है। इस स्टेटमेंट में लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना पर हाल के हमलों की कड़ी निंदा की गई है। इसके अलावा इसमें ये भी कहा गया है कि, ऐसी कार्रवाई तुरंत रोकी जानी चाहिए। संयुक्त बयान पर शुरू में सिर्फ 34 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। लेकिन अब यूनिफिल के कम से कम पांच शांति सैनिकों के घायल होने के बाद यह बयान आया है। इजरायल सैनिकों ने हाल में हिज्बुल्लाह के खिलाफ अभियान के तहत दक्षिणी लेबनान में हमले शुरू किए थे। 

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संयुक्त मिशन ने कही ये बात

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संयुक्त मिशन द्वारा पोस्ट किए गए संयुक्त बयान में कहा गया है कि हम क्षेत्र में बढ़ती स्थिति के मद्देनजर यूनिफिल की भूमिका को विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानते हैं। इसलिए हम यूनिफिल शांति सैनिकों पर हाल में हुए हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसी कार्रवाइयों को तुरंत रोका जाना चाहिए और उनकी समुचित ढंग से जांच की जानी चाहिए। हम आपको जानकारी के लिए बताते चले कि, भारत का उल्लेख शुरू में सह-हस्ताक्षरकर्ताओं में नहीं था। लेकिन भारत ने संयुक्त बयान से पूरी तरह से सहमति जताई है। 

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