India News (इंडिया न्यूज), Israel-Hamas War: अंतरराष्ट्रीय शांति में भारत के योगदान को कम करके नहीं आंका जा सकता। भारत ने दुनिया को दिखाया है कि संघर्षों को शांति और अहिंसा के जरिए कैसे सुलझाया जा सकता है। रूस की यात्रा के बाद पीएम मोदी यूक्रेन भी गए। उन्होंने दोनों देशों से युद्ध खत्म करने की अपील की। भारत की इस पहल को देखते हुए फिलिस्तीन ने भी इजरायल के साथ चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए मध्यस्थता करने में भारत से मदद की अपील की है।
फिलिस्तीन ने भारत की तरफ बढ़ाई हाथ
बता दें कि, भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल-हैजा ने रविवार (8 सितंबर) को भारत से फिलिस्तीन और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष को खत्म करने में मदद की अपील की। उन्होंने भारत से युद्ध विराम लागू करने, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने और स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के प्रयासों में सहयोग करने का अनुरोध किया। अल-हैजा ने कहा कि हम हमेशा भारत जैसे मित्र देश की तलाश में रहते हैं। जो ऐसी समस्याओं में मध्यस्थ की भूमिका निभा सके। भारत एक शांतिप्रिय देश है और हम उनसे यह भूमिका निभाने का अनुरोध कर रहे हैं। अगर भारत दोनों देशों का मित्र है, तो वह युद्ध विराम की अपील कर सकता है। एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन बुला सकता है।
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भारत शांति के लिए कर रहा निरंतर प्रयास
बता दें कि, भारत ने संघर्ष शुरू होने के बाद से शांति के प्रति अपने निरंतर समर्थन को दोहराया है। नई दिल्ली ने दोनों पक्षों को शांति के लिए प्रयास करने की सलाह दी है। संयुक्त राष्ट्र ने गाजा पट्टी में चल रहे मानवीय संकट को विनाशकारी बताया है। सिर्फ अगस्त के महीने में 10 लाख से ज़्यादा फिलिस्तीनियों को खाद्य सहायता नहीं मिल पाई। साथ ही रोज़ाना पका हुआ खाना पाने वाले लोगों की संख्या में 35% की गिरावट आई है।
गौरतलब है कि इजरायल और हमास के बीच संघर्ष तब शुरू हुआ जब हमास ने 7 अक्टूबर को इज़रायल पर एक बड़ा हमला किया। इस हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए थे। इनमें से ज़्यादातर आम नागरिक थे और करीब 250 लोगों को हमास ने बंधक बना लिया था। जवाब में इजरायल ने गाजा पर एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया। जिसमें गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 40,000 से ज़्यादा फिलिस्तीनियों की जान चली गई।