India News (इंडिया न्यूज), Israel–Hamas War: आपने अक्सर अमेरिका, फ्रांस, चीन और भारत जैसी महाशक्तियों की सेनाओं के बारे में तो खूब सुना होगा। लेकिन, आज हम आपको एक छोटे से देश की छोटी सी सेना की बहादुरी की कहानी बताने जा रहे हैं। यह छोटा सा देश पिछले एक साल से भीषण युद्ध लड़ रहा है। इस युद्ध में अबतक करीब 40 से 45 हजार लोग मारे जा चुके हैं। यह देश खुद पर हुए हमले का बदला लेने और अपने बंधकों को बचाने के लिए लगातार हमले किए जा रहा है।
हमास को खत्म करने का संकल्प किया है
दरअसल, हम इजराइल-हमास युद्ध की बात कर रहे हैं। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजराइल पर जानलेवा हमला किया था। इस हमले में करीब 1200 इजराइली नागरिक मारे गए थे। उन्होंने करीब 250 इजराइली नागरिकों को बंधक भी बना लिया था। हमास के इस हमले के बाद वहां भीषण युद्ध छिड़ गया। पिछले 10 महीनों से इजराइल इस युद्ध में मारे गए अपने लोगों का बदला लेने के लिए लगातार फिलिस्तीन पर हमले कर रहा है। उसने हमास को खत्म करने का संकल्प लिया है। अपने 1200 लोगों की हत्या का बदला लेने के लिए उसने अब तक 40 हजार फिलिस्तीनियों और हमास के लड़ाकों को मार गिराया है।
इजरायल अभी भी बंधक को छुड़ाने की कोशिश कर रहा
इजरायल अभी भी हमास द्वारा बंधक बनाए गए अपने लोगों को छुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में वह ऐसे ही एक व्यक्ति को छुड़ाने में सफल हुए हैं। वह करीब 250 दिनों से बंदी था। इस व्यक्ति का नाम अलकादी है। वह 52 साल का है। वह पिछले 250 दिनों से हमास के एक भूमिगत ठिकाने में बंदी था। वह पहला जीवित व्यक्ति है जिसे इजरायली सेना ने हमास की कैद से मुक्त कराया है। रिहा होने के बाद अलकादी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसने अस्पताल से ही राष्ट्रपति इसाक हर्जोग से फोन पर बात की। उसने बताया कि उसे उम्मीद नहीं है कि वह कभी फिर से आजाद हो पाएगा।
बंधक नारक जैसा जीवन जी रहे
अलकादी ने बताया कि हमास ने जिस जगह उसे रखा था, वहां करीब 108 और बंधक हैं। उनमें से एक तिहाई की मौत हो चुकी है। बाकी बंधक नारकीय जीवन जी रहे हैं। उन्हें असहनीय यातनाएं झेलनी पड़ रही हैं। उन बंधकों की जिंदगी कैसी होगी, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस बीच इजरायली सेना लगातार अपना अभियान जारी रखे हुए है। उसने बंधकों को छुड़ाने के लिए अपने अभियान को और तेज कर दिया है।
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