India News (इंडिया न्यूज़), Israel–Hamas war: शनिवार 7 अक्टूबर को हमास ने अचानक से इजरायल पर हमला किया। जिसमें हमास के द्वारा इजरायल पर 5000 रॉकेट दागे गए। वहीं हमास के लड़ाको नें इजारयल का आयरन वॉल तोड़ कर इजरायल के घर में घूस कर उसके कई नागरिकों को मार डाला। वहीं कई सौ नागरिकों को बंधक बना लिया। उन्हें छुड़ाने के लिए इजरायल लगातार हमास पर दबाव बना रहा है। इजरायल लगातार गाजा पट्टी पर रॉकेट दाग रहा है। इन सब के बीच इजरायल के सुरक्षा बल ने दावा करते हुए बताया है कि इजरायल के 250 बंधको को हमास केचंगुल से छुड़ा लिया गया है। इजरायल रक्षा बल ने एक्स पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
एक्स पर इजारयल रक्षा बल ने एक वीडियो के साथ ट्वीट करते हुए लिखा है कि ”7 अक्टूबर को सूफा सैन्य चौकी पर नियंत्रण हासिल करने के संयुक्त प्रयास में फ्लोटिला 13 स्पेशल यूनिट को गाजा सुरक्षा बाड़ के आसपास के क्षेत्र में तैनात किया गया था। जवानों ने करीब 250 बंधकों को जिंदा बचाया है। इस ऑपरेशन में 60 से अधिक हमास आतंकवादियों को मार गिराया गया और 26 को पकड़ लिया गया। पकड़े गए आतंकवादियों में हमास दक्षिणी नौसेना डिवीजन के उप कमांडर मुहम्मद अबू अली भी शामिल थे।”
The Flotilla 13 elite unit was deployed to the area surrounding the Gaza security fence in a joint effort to regain control of the Sufa military post on October 7th.
The soldiers rescued around 250 hostages alive.
60+ Hamas terrorists were neutralized and 26 were… pic.twitter.com/DWdHKZgdLw
— Israel Defense Forces (@IDF) October 12, 2023
गाजा पट्टी भूमध्य – सागर, मिस्त्र और इजरायल से घिरा हुआ 41 किलोमीटर लंबा और 10 किलोमीटर चौड़ा एक इलाका है। यह दुनिया की सबसे ज्यादा घनत्व वाला इलाका है। यहां करीब 23 लाख लोग रहते हैं। शुरुआत में यह इलाका मिस्त्र द्वारा काबिज किया गया था। बता दें, 1967 की जंग में इजरायल ने मिस्त्र को हरा गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया।
2005 में इजरायल ने अपने लगभग 7 हजार नागरिकों और सैनिकों को गाजा पट्टी से हटा लिया। वहीं, गाजा पट्टी की समुद्री सीमा और एयर स्पेस पर अभी भी इजरायल का कंट्रोल है। गाजा पट्टी पर खाद्य सामग्री से लेकर लोगों के आने जाने तक जो इजरायल के बॉर्डर से जाता है उस पर इजरायल का कंट्रोल है। इसी तरह मिस्त्र का भी बॉर्डर पर इजरायल की ही तरह कंट्रोल है।
वहीं, गाजा पट्टी पर रहने वाली लगभग 80 फीसदी आबादी अंतरराष्ट्रीय सहायता पर आश्रित रहती है। यूनाइटेड नेशन की मानें तो लगभग 10 लाख लोग ऐसे है जो रोजाना के खाने पर निर्भर रहते हैं। यानी उनके पास अपने जीवन यापन का कोई साधन नहीं है। हमास के इजरायल पर अप्रत्याशित हमले के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी की पावर सप्लाई काट दी है। इसके साथ-साथ सामान, भोजन, पानी और तेल की सप्लाई पर भी रोक लगा दी है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार गाजा पट्टी पर रह रहे लोगों की बिजली का एकमात्र विकल्प जनरेटर है अगर उनके पास पर्याप्त मात्रा में फ्यूल है। गाजा पट्टी का पावर स्टेशन फ्यूल से चलता है। बिना लाइट के गाजा की वाटर और सीवेज सिस्टम भी बंद हो सकता है।
इजरायल के बनने से पहले गाजा, पट्टी, वेस्ट बैंक और आज का इजरायल का पूरा इलाका फिलिस्तीन का था। 20 शताब्दी से पहले बाइबिल के अनुसार यह यहूदी राज्यों की भूमि थी। इसे यहूदी अपनी मातृभूमि के रूप में देखते हैं। फिर 1947 में यूएन ने फिलिस्तीन को बांट इजरायल बनाया। हालांकि बहुत से लोग आज भी इजरायली जमीन को फिलिस्तीन ही कहते हैं क्योंकि वो इजरायल का अस्तित्व ही नहीं मानते हैं। जो फिलिस्तीनी है वो वेस्ट बैंक, गाजा और पूर्व यरुशलम के लिए फिलिस्तीन शब्द का ही इस्तेमाल करते हैं।
बीते 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर अप्रत्याशित हमला किया। यह हमला इजरायल और फिलिस्तीन के बढ़ते तनाव के बीच हुआ। वेस्ट बैंक में रह रहे फिलिस्तीनियों ने साल 2023 में बहुत संघर्ष किया। फिलिस्तीनियों के इसी संघर्ष ने शायद हमास को इजरायल पर हमला करने के लिए मजबूर किया हो। साथ ही साथ यह भी हो सकता है कि फिलिस्तीनियों के दिल में अपनी जगह को और मजबूत करने के लिए हमास ने इजरायल पर विजय प्राप्त करने की दृष्टि से यह हमला किया हो।
वर्तमान मीडिया में ये कहा जा रहा है कि ये हमाल इजरायल के कट्टर दुश्मन ईरान ने यह हमला करवाया है। हालांकि, ईरान ने इस बात को नकार दिया है। सऊदी अरब और इजरायल के बीच हुई ऐतिहासिक शांति समझौते से ईरान पहले ही खुन्न खाया हुआ है। शायद हमास ने इसलिए यह हमला किया हो।
बताते चलें, हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले की तुलना 1973 के योम किप्पुर वार से भी की जा रही है। आज से लगभग 50 साल पहले यहूदियों के पवित्र दिन योम किप्पुर के दिन इजरायल मिस्र और सीरिया ने एक साथ हमला किया था। उस दौरान 2456 इजरायली सैनिक मारे गए थे। जबकि हजारों घायल हुए थे। वहीं अरब की ओर से 18 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल थे। इस हमले से इजरायल ने बहुत ही सफर किया था। इसके बाद उसने अपनी सेना को और मजबूत बनाया ताकि भविष्य में ऐसा हमला कभी न हो।
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