India News (इंडिया न्यूज), Israel-Hamas War: इजरायल-हमास के बीच जारी जंग में भारत ने युनाइटेड नेशन में जॉर्डन द्वारा लाए गए युद्ध विराम के प्रस्ताव से दूरी बनाकर रखी। भारत के इस रुख पर अटकले लगाई जा रही हैं कि खाड़ी के मुल्कों के साथ भारत से संबंधों पर असर पड़ेगा। लेकिन अब जोर्डन के राजदूत ने भारत के इस रुख पर प्रतिक्रिया दी है। जॉर्डन को यकीन है कि इजरायल-हमास जंग में भारत का रोल अहम होगा।

जॉर्डन के युनाइटेड नेशन में लाए गए प्रस्ताव पर भारत की दूरी बनाने को लेकर द दिल्ली में अम्मान के राजदूत मोहम्मद अल कायद ने कहा कि भारत का कॉल एक संप्रभु निर्णय था, जॉर्डन इसका सम्मान करता है। साथ ही जॉर्डन ने कहा कि भविष्य में भारत दोनों पक्षों के बीच में बड़ी भूमिका निभा सकता है।

समाचार चैनल को दिया इंटरव्यू

जॉर्डन के राददूत मोहम्मद अल कायद ने बुधवार को एक समाचार चैनल के इंटरव्यू में कहा, “भारत ने भविष्य में दोनों पक्षों की भूमिका निभाने के लिए बीच में रहने की कोशिश की वजह से प्रस्ताव से दूर रहने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह भारत ने उस प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया था, जिसमें 7 अक्टूबर को हमास या हमास के हमलों के दौरान बंधक बनाए गए इजरायलियों का उल्लेख नहीं था।

प्रत्येक देश अपने हितों से रुख अपनाता है

जॉर्डन के राजदूत मोहम्मद अल कायद ने कहा, ‘हम यह अच्छी तरह से समझते हैं कि प्रत्येक देश अपने हितों के अनुसार यह रुख अपनाता है। उन्होनें कहा कि यह भारत का फैसला है और हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करते।’ उन्होंने कहा कि जॉर्डन भी मानता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में बहुत सक्रिय रूप से शामिल हो रहा है , युद्ध समाप्त करने में कुछ सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।’ उन्होंने कहा कि अब दुनिया में एक उभरती हुई शक्ति के रूप में और जी20 और वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट जैसी पहल के बाद भारत एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।

जॉर्डन इजरायल का कर रहा खुलकर विरोध

इजराइल द्वारा गाजा में सबसे बड़े शरणार्थी शिविर पर हमले के एक दिन बाद कायद ने कहा कि इजराइल बिल्कुल यही करना चाहता था लोगों को विस्थापित करना और स्थानांतरित करना। उन्होंने कहा कि इसका जॉर्डन पूरी तरह से विरोध करता था। उन्होंने कहा कि वास्तव में सभी अरब देश इसमें एकजुट थे। यह उन सभी के लिए एक खतरे की रेखा थी। ट

मालूम हो कि हमास के हमले के बाद इजरायल गाजा में जवाबी कार्रवाई कर रहा है और जिसमें सैकड़ों फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। आरोप है कि इजरायल ने गाजा में सबसे बड़े शरणार्थी शिविर पर हमला किया है, जिसमें कई नागरिक मारे जा चुके हैं।

यह भी पढ़ेंः-