India News (इंडिया न्यूज), Israel–Hamas war: 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर हमले के बाद। इजरायल लगातार गाजा पर हवाई हमले कर रहा है।गाजा में चल रहा यह जंग लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच इजरायली सेना ने ऐलान किया है कि वह गाजा में हमले और तेज करेगा। मामले को लेकर सऊदी अरब के राजकुमार तुर्की बिन फैसल अल सऊद का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने जंग के लिए हमास और इजरायल दोनों की आलोचना की। फैसल ने मामले को लेकर कहा कि “इस संघर्ष में कोई नायक नहीं हैं, केवल पीड़ित हैं”। इसका एक ही हल है- नागरिक विद्रोह। फैसल ने भारत का भी उल्लेख किया। कहा कि नागरिक विद्रोह ने भारत में ब्रिटिश और पूर्वी यूरोप में सोवियत साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया था।
मैं फिलिस्तीन में सैन्य विकल्प का समर्थन नहीं करता
हमास की निंदा की
उन्होंने आगे कहा कि “इजराइल के पास जबरदस्त सैन्य श्रेष्ठता है और दुनिया गाजा में उसके द्वारा मचाई जा रही तबाही को देख सकती है। हमास पर निशाना साधते हुए फैसल ने कहा, “मैं स्पष्ट रूप से हमास द्वारा किसी भी नागरिक को निशाना बनाने की निंदा करता हूं, जैसा कि उस पर आरोप लगाया गया है। इस तरह का लक्ष्य हमास के इस्लामी पहचान के दावों को झुठलाता है।” उन्होंने कहा, निर्दोष बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की हत्या और पूजा स्थलों को अपवित्र करना इस्लाम तो कतई नहीं है।
सऊदी प्रिंस फैसल ने कहा कि, “मैं इस सरकार को गाजा से उसके नागरिकों का जातीय सफाया करने और उन पर बमबारी करने का बहाना देने के लिए हमास की निंदा करता हूं।” फैसल ने फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने के सऊदी अरब के प्रयास को विफल करने के लिए हमास की भी आलोचना की।
यह रक्तपात बंद होना चाहिए-प्रिंस फैसल
उन्होंने आगे कहा कि, “यह रक्तपात बंद होना चाहिए।” उन्होंने तेल अवीव पर फिलिस्तीनियों की टारगेट किलिंग और नागरिकों को जेल में डालने का आरोप लगाते हुए कहा, “मैं इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी भूमि की चोरी की निंदा करता हूं।”
इस संघर्ष में कोई नायक नहीं हैं-प्रिंस फैसल
सऊदी राजकुमार ने पश्चिमी राजनेताओं पर निशाना साधाते हुए कहा कि “फिलिस्तीनियों द्वारा इजरायलियों को मार दिया जाता है तो वे “आंसू बहाते हैं” लेकिन जब मामला इसके विपरीत होता है तो “वे दुख व्यक्त करने से भी इनकार कर देते हैं”। उन्होंने कहा, “इस संघर्ष में कोई नायक नहीं हैं, केवल पीड़ित हैं।”
कौन हैं प्रिंस फैसल
फैसल ने 24 साल तक सऊदी खुफिया एजेंसी अल मुखबरत अल अम्मा का नेतृत्व किया है और लंदन और अमेरिका में देश के राजदूत के रूप में भी काम किया। हालांकि इस समय उनके पास कोई सार्वजनिक पद नहीं है। उनकी इस टिप्पणी पर सऊदी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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