India News (इंडिया न्यूज), Israel Iran Conflict: मध्य-पूर्व में चल रहा जंग अभी भी खत्म होता नहीं दिख रहा है। इस बीच ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने शनिवार (9 नवंबर) को चेतावनी दी कि गाजा और लेबनान में इजरायल और तेहरान समर्थित समूहों के बीच चल रहा युद्ध मध्य पूर्व से आगे भी फैल सकता है। अराघची ने सरकारी टीवी पर अपने भाषण में साफ किया कि यह संघर्ष सिर्फ पश्चिम एशिया तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके गंभीर परिणाम दूसरे क्षेत्रों में भी देखने को मिल सकते हैं। दरअसल, अक्टूबर 2023 में इजरायल पर हमास के अचानक हमले के बाद से इजरायल ने गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ विनाशकारी युद्ध छेड़ रखा है। इजरायल का यह कदम ईरान समर्थित फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह के बढ़ते हमलों को रोकने का एक प्रयास है।

ईरान पर इजरायल ने हवाई हमले किए

बता दें कि, इजरायल ने 26 अक्टूबर को ईरान पर हवाई हमले किए, जिसमें चार ईरानी सैनिक मारे गए और ईरान के रडार सिस्टम को नुकसान पहुंचा। दरअसल, यह हमला रिवोल्यूशनरी गार्ड के जनरल और ईरान समर्थित अन्य आतंकवादी नेताओं की हत्या के प्रतिशोध में किया गया था। इन हमलों ने ईरान में तनाव को और बढ़ा दिया है। साथ ही तेहरान ने अमेरिका और इजरायल की चेतावनियों के बावजूद जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है।

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वहीं ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि अगर गाजा और लेबनान में युद्ध विराम होता है, तो इससे ईरान की प्रतिक्रिया प्रभावित हो सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि अगर इजरायल युद्ध विराम को स्वीकार करता है और निर्दोष लोगों का नरसंहार बंद कर देता है, तो ईरान की प्रतिक्रिया की तीव्रता कम हो सकती है।

खामेनेई के सलाहकार ने क्या दी सलाह

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार अली लारीजानी ने भी इजरायल के खिलाफ बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इजरायल का उद्देश्य ईरान को संघर्ष में घसीटना है। उन्होंने आगे कहा कि ईरान को उसके जाल में फंसने से बचना चाहिए। उन्होंने समझदारी और संयम से जवाब देने की जरूरत पर जोर दिया।

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