India News (इंडिया न्यूज), Israel-Iran War: इजराइल ईरान से बदले की आग में जल रहा है। इजराइल ईरान से 200 मिसाइलों का बदला लेने के लिए बेताब है। इजराइल कब और कहां से ईरान पर हमला कर दे ये कोई भी नहीं जानता। इस बीच कुछ ऐसा खुलासा हुआ जिसके बाद अमेरिका भी सतर्क हो गया है। अमेरिका ने आनन-फानन में इजराइल को चेतावनी दी है। दरअसल हुआ ये कि इजराइल की हिट लिस्ट में ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई नहीं हैं, बल्कि एक शख्स है जिसकी उम्र 94 साल है। वो शख्स कोई और नहीं बल्कि शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अली सिस्तानी हैं। जैसे ही इजराइली टीवी पर खामेनेई की जगह 94 वर्षीय शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अली सिस्तानी का नाम हिट लिस्ट में आया, अमेरिका ने तुरंत चेतावनी दे दी।
दरअसल, इराक में अमेरिकी राजदूत एलिना रोमानोव्स्की ने इजरायल के चैनल 14 पर शिया धर्मगुरु ग्रैंड अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी को हिट लिस्ट में दिखाए जाने की निंदा की है। अमेरिका ने मुस्लिम धर्मगुरु की प्रशंसा की और उन्हें एक ऐसा व्यक्ति बताया जो अधिक शांतिपूर्ण क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने गुरुवार को मुस्लिम धर्मगुरु अल-सिस्तानी के साथ अपनी एकजुटता भी जताई। दरअसल, इजरायली टीवी पर अल-सिस्तानी को सबसे बड़ी हिट लिस्ट में दिखाया जा रहा था। प्रसारण को देखकर मध्य पूर्व में खासकर शिया समूहों में आक्रोश बढ़ रहा है।
अमेरिकी राजदूत रोमानोव्स्की ने इजरायली प्रसारण का उल्लेख किए बिना सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ग्रैंड अयातुल्ला सिस्तानी अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक प्रसिद्ध और सम्मानित धार्मिक नेता हैं। वे अधिक शांतिपूर्ण क्षेत्र को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली आवाज़ हैं। हम ग्रैंड अयातुल्ला सिस्तानी को निशाना बनाने के किसी भी सुझाव को अस्वीकार करते हैं।
इजरायली टीवी चैनल 14 ने इजरायल के शीर्ष दुश्मनों की तस्वीरें दिखाईं, जिनमें हिजबुल्लाह के उप प्रमुख नाई कासिम और हमास नेता याह्या सिनवार शामिल थे। उन तस्वीरों में शिया मुस्लिम नेता अल-सिस्तानी की तस्वीर भी शामिल थी। उनके सिर पर लाल क्रॉसहेयर दिखाया गया था। इसे देखकर शिया समुदाय के लोग भड़क गए। दिलचस्प बात यह है कि इसमें खामेनेई का नाम नहीं था। जब अमेरिका ने यह देखा तो वह भी भड़क गया। उसने तुरंत इजरायल से कहा कि शिया मुस्लिम धार्मिक नेता को हिट लिस्ट में डालना गलत है।
शिया मुस्लिम नेता अल-सिस्तानी 94 साल के हैं। वे ईरानी मूल के इराकी विद्वान हैं। अल-सिस्तानी को शिया मुसलमानों के बीच सर्वोच्च धार्मिक नेताओं में से एक माना जाता है। वे शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से दिखाई देते हैं। वे बगदाद के दक्षिण में नजफ़ में रहते हैं। लेकिन वे सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं देते हैं। उनकी आखिरी ज्ञात तस्वीरों में से एक 2021 में पोप फ्रांसिस से उनकी मुलाकात की है। हालांकि, वे समय-समय पर अपने अनुयायियों को बयान जारी करते रहते हैं, जो मार्गदर्शन के रूप में काम करते हैं। 2014 में भी, उन्होंने इराकियों से एकजुट होने और ISIS के खिलाफ अपने देश की रक्षा करने का आग्रह किया था।
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