India News (इंडिया न्यूज), Israel-Iran War: ईरान-इजरायल युद्ध में सबकी निगाहें नेतन्याहू पर टिकी हैं। नेतन्याहू अभी भी प्लानिंग कर रहे हैं कि ईरान के 200 मिसाइल हमलों का बदला इजरायल कब और किस तरह से लेगा। लेकिन उससे पहले ईरान ने अपना खेल खेल दिया है। ईरान ने ऐसा खेल खेला है जिससे कई देशों में खलबली मच गई है। यही वजह है कि कई देश ईरान पर हमला होने से रोकने के लिए अमेरिका से गुहार लगाने लगे हैं। दरअसल ईरान ने साफ कह दिया है कि अगर उसके तेल प्रतिष्ठानों पर हमला हुआ तो खाड़ी देश के तेल प्रतिष्ठान भी सुरक्षित नहीं रहेंगे। यही वजह है कि ईरान से बदला लेने के लिए इजरायल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
फिलहाल इजरायल ईरान के तेल ठिकानों पर हमला करने की योजना बना रहा है। अमेरिका ने अब तक इजरायल से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला न करने को कहा है। लेकिन इजरायल अब ईरान के तेल ठिकानों को नष्ट करने की योजना बना रहा है। ईरान को इस बात की पूरी जानकारी है। इसलिए उसने खुद को बचाने के लिए एक तरह से अपने पड़ोसी देशों को तेल के खेल से डरा दिया है।
ईरान के खिलाफ इजरायल के संभावित हमले को देखते हुए खाड़ी देश सतर्क हो गए हैं। खाड़ी देश अमेरिका पर दबाव बना रहे हैं कि वह किसी तरह इजरायल को ईरान के तेल ठिकानों पर हमला करने से रोके। खाड़ी देशों को डर है कि अगर इजरायल और ईरान के बीच युद्ध बढ़ता है तो ईरान समर्थित समूह उनके तेल ठिकानों पर भी हमला कर सकते हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर समेत खाड़ी देश खुद को युद्ध में फंसने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिका से साफ कह दिया है कि वे इजरायल को ईरान पर हमला करने के लिए अपने हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करने देंगे।
इजरायल पर कुछ समय हुए मिसाइल हमले के बाद इजरायल ने ईरान को सबक सिखाने की कसम खा कर रखी है। वहीं दूसरी ओर ईरान ने कहा कि अगर उस पर कोई हमला भी हुआ तो उसका जवाब उसे तबाह करके दिया जाएगा। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि इस क्षेत्र में बड़ा युद्ध छिड़ सकता है, जिसमें खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका भी घसीटा जा सकता है।
दरअसल, गैर अरब शिया देश ईरान लगातार अपने सुन्नी खाड़ी पड़ोसियों पर अमेरिका पर अपना प्रभाव इस्तेमाल करने का दबाव बना रहा है। ईरान को डर है कि इजरायल उसके तेल उत्पादन केंद्रों को निशाना बना सकता है। इसके बाद खाड़ी देशों ने यह कदम उठाया है। इस सप्ताह हुई बैठकों के दौरान ईरान ने सऊदी अरब को चेतावनी दी है कि अगर इजरायल को किसी भी तरह की मदद दी जाती है तो वह खाड़ी देश की तेल सुविधा की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता। एक ईरानी अधिकारी और एक ईरानी राजनयिक के हवाले से यह जानकारी दी गई है।
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सऊदी शाही परिवार के करीबी विश्लेषक अली शिहाबी के मुताबिक ईरान ने साफ कह दिया है कि अगर खाड़ी देश इसराइल के लिए अपना एयरस्पेस खोलते हैं तो यह युद्ध छेड़ने जैसा होगा। लेकिन सऊदी अरब किसी को भी अपना एयरस्पेस इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देगा। राजनयिक ने कहा कि तेहरान ने रियाद को साफ तौर पर बता दिया है कि अगर इसराइल को ईरान के खिलाफ कोई क्षेत्रीय समर्थन या मदद मिलती है तो इराक या यमन जैसे देशों में उसके सहयोगी जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं।
खाड़ी और ईरानी सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची के बीच बुधवार को हुई बातचीत संभावित इजरायली हमले पर केंद्रित रही। ईरानी मंत्री अराक्ची समर्थन जुटाने के लिए खाड़ी देशों के दौरे पर थे। बता दें कि हाल ही में ईरान ने इजरायल को 200 मिसाइलों की धमकी दी थी। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि इजरायल इसका बदला जरूर लेगा।
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