India News (इंडिया न्यूज), Israel Iran War Affects Punjab Farmers : मिडिल ईस्ट में चल रहे ईरान और इजरायल संघर्ष का असर अब भारत में भी देखने को मिल रहा है। इस संघर्ष की वजह से बासमती 1509 के कई सारे ऑर्डर रुक गए हैं। इसका सबसे ज्यादा असर पंजाब के किसानों पर पड़ रहा है। असल में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के आकड़ो के अनुसार, भारत 48,000 करोड़ रुपये के बासमती को निर्यात करता है, इसमें पंजाब का हिस्सा 40% का है। जिसमें से लगभग 25% बासमती ईरान को निर्यात की जाती है, लेकिन संघर्ष के बीच ईरान ने अपनी स्थानीय फसल को समर्थन देने के लिए 21 अक्टूबर से 21 दिसंबर तक बासमती चावल के आयात पर रोक लगा दी है और बचा हुआ काम भारत में बीमा कंपनियों ने कर दिया।
बीमा कंपनियों ने ईरान को होने वाले निर्यात को कवर करना बंद कर दिया है। इसकी वजह से किसानों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। यहीं नहीं अनिश्चितता के कारण बासमती के दाम लगभग 800 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए हैं।
ऑर्डर न आने से परेशान हैं किसान
संघर्ष की वजह से निर्यातक कोई बड़ा ऑर्डर नहीं दे पा रहे हैं। नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट में अमृतसर के बासमती किसान ने बताया कि उन्हें कोई बड़ा ऑर्डर नहीं मिला है। अनुकूल मौसम के कारण अच्छी पैदावार होने के बाद भी किसानों को अपनी उपज का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा पिछले साल भी उस वक्त बासमती निर्यातकों को काफी परेशानी आई थी, जब बीमा कंपनियों ने सऊदी अरब, जो कि बासमती चावल का एक प्रमुख आयातक है, को भेजे जाने वाले स्टॉक को कवर करना बंद कर दिया था।
पिछली बार से इस बार कम हुई कीमतें
जानकारी के अनुसार माझा बेल्ट की मंडियों में आने वाली अगेती किस्म 1509 बासमती की कीमत पिछले सीजन के 4500 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले करीब 2400 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल बिकी।
ईरान-इजरायल संघर्ष ने बिगाड़ा सारा खेल
नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट में पंजाब बासमती राइस मिलर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रंजीत सिंह जोसन की तरफ से बताया गया है कि सरकार द्वारा MEP हटाए जाने के बाद निर्यातकों को बासमती में तेजी की उम्मीद थी, लेकिन ईरान-इजरायल संघर्ष ने सारा खेल बिगाड़ दिया। संघर्ष की वजह से किसानों के लिए कीमतों में कोई तेजी नहीं आई है।
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