India News (इंडिया न्यूज), Israel Iran War: ईरान ने मंगलवार को इजराइल पर 200 से ज़्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों से भीषण हमला किया। इजराइल के इस हमले ने एक बार फिर पूरी दुनिया का ध्यान इजराइल के उन दोस्तों की ओर खींचा जो हर समय उसकी रक्षा करते हैं। ये दोस्त इजराइल के डिफेंस सिस्टम हैं। ये रॉकेट, क्रूज मिसाइल और वायुमंडल से ऊपर उड़ने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों के हमलों से इजराइल की रक्षा करते हैं। इजराइल का आयरन डॉन मिसाइल डिफेंस सिस्टम सबसे मशहूर है, जिसके बारे में लोगों ने सुना है।
लेकिन इजरायल के पास इससे भी ज़्यादा घातक हथियार हैं, जो हवा में मिसाइलों को उड़ा देते हैं। हर मिसाइल डिफेंस सिस्टम रॉकेट के खिलाफ़ काम करता है। आयरन डोम सिस्टम का इस्तेमाल हिजबुल्लाह और हमास दोनों द्वारा इजरायल पर दागे गए रॉकेट को मार गिराने के लिए किया जाता है। इन रॉकेट में विस्फोटक होते हैं जो अंधाधुंध हमला करते हैं। इनमें किसी तरह की गाइडेंस सिस्टम नहीं होती। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर इसी तरह के रॉकेट से हमला किया था।
इज़राइल में पूरे देश में 10 आयरन डोम बैटरियाँ हैं। प्रत्येक बैटरी में एक रडार होता है जो रॉकेट का पता लगाता है। कमांड और कंट्रोल सिस्टम रॉकेट की दिशा, गति और उससे होने वाले नुकसान का पता लगाता है। आयरन डोम सभी रॉकेट को मार गिराता नहीं है। यह केवल उन रॉकेट को नष्ट करता है जो आबादी वाले क्षेत्र में गिरने वाले होते हैं। देश के मिसाइल रक्षा संगठन का कहना है कि आयरन डोम इजरायल की मिसाइल रक्षा की सबसे निचली परत है। इजरायल उच्च ऊंचाई, लंबी दूरी, उच्च गति और सटीक-निर्देशित बैलिस्टिक मिसाइलों को निशाना बनाने के लिए कई रक्षा प्रणालियों का उपयोग करता है।
इसमें डेविड स्लिंग और एरो 2 और 3 शामिल हैं। सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज (CSIS) के अनुसार डेविड स्लिंग की रेंज 40 से 300 किलोमीटर है। अमेरिका और इजरायल ने मिलकर इसे विकसित किया है। यह दो चरणों वाली मिसाइल है, जिसमें कोई हथियार नहीं लगा होता। यह बैलिस्टिक मिसाइलों से सीधे टकराकर उन्हें नष्ट कर देती है, जिस कारण इसे हिट-टू-किल के नाम से जाना जाता है।
अमेरिका के सहयोग से इजरायल ने एरो 2 और एरो 3 डिफेंस सिस्टम बनाए हैं, जो डेविड स्लिंग के उत्तराधिकारी हैं। दोनों डिफेंस सिस्टम पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलने वाली अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम हैं। सीएसआईएस के अनुसार एरो 2 ऊपरी वायुमंडल में मिसाइल को विस्फोट करके आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके अंतिम चरण में नष्ट कर सकता है। इसकी रेंज 90 किलोमीटर और ऊंचाई 51 किलोमीटर है। एरो 3 भी हिट-टू-किल तकनीक के तहत बैलिस्टिक मिसाइलों पर हमला करके उन्हें नष्ट कर देता है। अप्रैल में ईरान के हमले में तीनों डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था।
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