India News (इंडिया न्यूज), Israel Labour Strike: इजरायल और हमास के बीच चल रहा युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन युद्ध के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने ही घर में घिरते जा रहे हैं। दरअसल, इजरायल का सबसे बड़ा मजदूर संघ हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायली बंधकों को वापस लाने के लिए दबाव बना रहा है। इस दबाव को और बढ़ाते हुए मजदूर संघ के प्रमुख ने रविवार (1 सितंबर) बंद का आह्वान किया है। बता दें कि अर्नोन बार-डेविड, जिनके हिस्ताद्रुत संघ में सैकड़ों हजारों कर्मचारी हैं। उनके द्वारा एक दिवसीय आम हड़ताल के आह्वान को इजरायल के मुख्य निर्माताओं और उच्च तकनीक क्षेत्र के उद्यमियों ने समर्थन दिया है।
बता दें कि, इजरायली अर्थव्यवस्था में सबसे शक्तिशाली आवाजों में से कुछ का गठबंधन पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए लगभग 250 लोगों में से छह बंधकों की मौत पर जनता के गुस्से के पैमाने को दर्शाता है। जिसकी घोषणा रविवार को की गई थी। अर्नोन बार-डेविड ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें जीवित बंधकों की वापसी पर एक समझौते पर पहुंचना होगा। एक समझौता किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस कार्रवाई को रोकने के लिए, इजरायल के वित्त मंत्री बेज़ेलेल स्मोट्रिच ने अटॉर्नी जनरल गली बहराव-मियारा को पत्र लिखकर हड़ताल के खिलाफ निषेधाज्ञा मांगने के लिए इजरायल के श्रम न्यायालय में एक तत्काल अनुरोध प्रस्तुत करने के लिए कहा है। स्मोट्रिच ने तर्क दिया कि हड़ताल अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगी।
दरअसल, रविवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने यरुशलम और तेल अवीव में सड़कें जाम कर दीं और नेतन्याहू के घर के बाहर प्रदर्शन किया। वहीं बंधक बनाए गए लोगों के परिवार ने बंद का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि छह लोगों की मौत लड़ाई को रोकने और अपने प्रियजनों को घर वापस लाने के लिए किसी भी समझौते पर पहुंचने में नेतन्याहू की विफलता का प्रत्यक्ष परिणाम थी। समूह ने एक बयान में कहा कि हमास की कैद में लगभग 11 महीने तक दुर्व्यवहार, यातना और भुखमरी से बचने के बाद पिछले कुछ दिनों में उन सभी की हत्या कर दी गई।
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