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नेतन्याहू की सेना ने उत्तरी गाजा में मचाया कत्लेआम, इजरायली हमलों से भारी दर्द में फिलिस्तीन, अब क्या कदम उठाएगा हमास?

India News (इंडिया न्यूज), Israeli Strike in Northern Gaza: हमास के द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर भयावह हमला किया था। जिसके बाद इजरायली सेना ने हमास के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान चलाया है। जो अब तक जारी है। इसमें सबसे अधिक नुकसान गाजावासियों उठाया है। वहीं रविवार (17 नवंबर) को उत्तरी गाजा के बेत लाहिया में इजरायली हमले में कम से कम 30 लोग मारे गए। एक अस्पताल के निदेशक ने यह जानकारी दी। इजरायली सेना ने एक बयान में कहा कि उसने बेत लाहिया में आतंकवादी ठिकानों पर कई हमले किए। इस बयान में कहा गया है कि युद्ध क्षेत्र से नागरिकों को निकालने के प्रयास जारी हैं। इजरायली सेना ने उत्तरी गाजा में फिर से हमले तेज कर दिए हैं। साथ ही कहा है कि हमास के आतंकवादी वहां फिर से संगठित हो गए हैं।

एक साल से अधिक समय, फिर भी जंग जारी

बता दें कि, गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई एक साल से भी ज्यादा समय से चल रही है। गाजा पट्टी में इजरायल के भीषण हमलों के बीच संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष समिति ने कहा कि गाजा में इजरायल की नीतियां और युद्ध के तरीके नरसंहार के अनुरूप हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवीय कार्यालय (OCHA) ने कहा कि पिछले दो दिनों में उत्तरी गाजा में सहायता पहुंचाने के छह प्रयासों को रोका गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1968 में इस समिति की स्थापना की थी, जिसका काम पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले सीरियाई गोलान, गाजा पट्टी और पश्चिमी तट में मानवाधिकारों की स्थिति की समीक्षा करना है। वहीं समिति के अनुसार, गाजा की घेराबंदी के माध्यम से, मानवीय सहायता में बाधा डालकर, नागरिकों और सहायता कर्मियों को निशाना बनाकर, इजरायल ने पूर्व नियोजित इरादे से युद्ध के तरीके के रूप में भुखमरी का इस्तेमाल किया।

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संयुक्त राष्ट्र का खौफनाक खुलासा

दरअसल, समिति ने इस बात पर नाराजगी जताई कि गाजा में इजरायली सैनिकों ने महिलाओं और बच्चों सहित फिलिस्तीनियों के साथ क्रूरता और अपमानजनक व्यवहार किया। वहीं आरोप हैं कि इजरायली सैनिकों ने फिलिस्तीनी महिलाओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, उनका मजाक उड़ाया और उनका अपमान किया। बता दें कि, समिति ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान की भी निंदा की। साथ ही कहा कि मीडिया को चुप कराने और गाजा में हिंसक झड़पों की रिपोर्ट करने के लिए जानबूझकर प्रयास किए जा रहे हैं। समिति की रिपोर्ट 18 नवंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान पेश की जाएगी।

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Raunak Pandey

रौनक पांडे बिहार की माटी से निकलकर दिल्ली में पत्रकारिता को सीख और समझ रहे हैं. पिछले 1.5 साल से डिजिटल मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर सक्रिय हैं। अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय राजनीति पर लिखना पसंद है.

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