India News (इंडिया न्यूज), Lebanon India History: जग्गी बासुदेव सद्गुरु ने मुस्लिम बहुल देश लेबनान के बारे में एक काफी रोचक बात बताई है। उन्होंने एक एक वीडियो में बताया कि लेबनान में चौथी क्लास के बच्चे को इंडियन लेबर, भारतीय मूर्तिकार, भारतीय योगी और भारतीय हाथियों के बारे में पता है। ये 4200 साल पहले लेबनान आए थे। और उन्होंने बालबेक मंदिर का निर्माण किया था। यह एक एतिहासिक इमारत थी, जिसके अवशेष आज भी मौजूद हैं। इस मंदिर की नींव में करीब 800 टन वजन वाले पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था। बताया जाता है कि उस समय के लोगों ने इन पत्थरों को ढोने और 50 फीट ऊंचे खंभों को खड़ा करने के लिए हाथियों का उपयोग किया था। हालांकि चौंकाने वाली बात यह है कि पश्चिम एशिया में हाथी नहीं पाए जाते हैं। वे तो भारत में होते हैं।
लेबनान में हजारों ‘हिंद’
इस वीडियो में आगे सद्गुरु कहते हुए नजर आते हैं कि लेबनान में हजारों लोग हैं, जो अपने नाम का पहला शब्द ‘हिंद’ लिखते हैं। यहां हम ‘जय हिंद’ तो कहते हैं लेकिन यहां कोई हिंद नहीं है। लेबनान में हजारों ऐसे लोग मिल जाएंगे। क्योंकि उन्हें लगता है कि ये लोग कहीं (पूर्व) से आए थे और इस टेंपल को बनाया था। किसी भारतीय बच्चे से पूछिए क्या उसने ऐसा कुछ पढ़ा है? नहीं, गर्व की कोई बात नहीं है।
लेबनान के इस मंदिर के बारे में सद्गुरु की वेबसाइट पर एक लेख भी मौजूद है। इसमें कई तस्वीरों के साथ यह बताया गया है कि करीब 4 हजार साल पहले अरब, रोमन, ग्रीक साम्राज्य से भी काफी पहले इस मंदिर के निर्माण में काफी पैसा खर्च हुआ था। स्थानीय लोग इसके बारे में कहते हैं कि इसे बनाने वाले ‘पूरब से आए’ थे। वे लोग इससे ज्यादा कुछ नहीं बता पाते हैं। लेकिन मंदिर के अवशेष भारत और भारतीय हिंदुओं के कनेक्शन की गवाही देते हैं।
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बालबेक मंदिर की रोचक बातें
बालबेक मंदिर की इस बातों को जानकर आप काफी उत्सुक हो जाएंगे। इस मंदिर की छत में कमल के फूलों की आकृतियां बनाई गई हैं। ये बात आपको हैरान कर सकते हैं। क्योंकि लेबनान में कमल के फूल नहीं होते हैं। जबकि यहां भारतीय संस्कृति में कमल को आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। भारत के किसी भी मंदिर में आपको कमल के फूल की आकृति जरूर मिलेगी। लेबनान के लोग अपनी प्राचीन विरासत पर गर्व करते हैं और इसे बनाने वालों के प्रति आदर भाव भी रखते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक लेबनान में 10 हजार से ज्यादा हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं।
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