India News(इंडिया न्यूज),Mount Fuji: जापान के माउंट फूजी पर हर साल हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। यह जापान की सबसे ऊंची चोटी है। इसे जापान के सांस्कृतिक प्रतीक और आध्यात्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। पहाड़ के आसपास का इलाका हाइकिंग और कैंपिंग के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। लेकिन यहां पर्यटकों की बढ़ती भीड़ स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरी है।

पहाड़ के रास्ते पर बनाया गया गेट

नया पर्वतारोहण सीजन 1 जुलाई से शुरू होगा। इससे पहले यामानाशी प्रशासन ने माउंट फूजी के रास्ते पर एक गेट बनाया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। इस गेट का निर्माण सोमवार को पूरा हो गया है।

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शाम 4 बजे से सुबह 3 बजे तक बंद रहेगा गेट

जापान का प्रशासन माउंट फूजी पर सुरक्षा, पर्यावरण और भीड़ की समस्याओं से निपटने में लगा हुआ है। यह गेट शाम 4 बजे से सुबह 3 बजे के बीच बंद रखा जाएगा। यहां रोजाना 4,000 पर्वतारोहियों को ट्रेल में प्रवेश की अनुमति होगी।

अनिवार्य वॉकिंग शुल्क देना होगा

नई व्यवस्था के तहत पर्वतारोहियों को रिजर्वेशन कराना होगा। 2,000 येन (करीब 12.70 अमेरिकी डॉलर) का अनिवार्य पैदल शुल्क भी देना होगा। वहीं, पर्यावरण संरक्षण के लिए 1,000 येन (करीब 6.35 अमेरिकी डॉलर) का वैकल्पिक दान भी दिया जा सकता है।

गेट पर स्कैन करना होगा क्यूआर कोड

माउंट फूजी पर कुल 10 स्टेशन हैं। पांचवें स्टेशन पर ही गेट बनाया गया है। यहीं से योशिदा ट्रेल शुरू होती है। प्रशासन पर्वतारोहियों के स्मार्टफोन पर क्यूआर कोड भेजेगा। उन्हें गेट पर ही इसे स्कैन करना होगा। इसके बाद आगे की अनुमति दी जाएगी।

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इस साल पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद

यामानाशी के गवर्नर कोटारो नागासाकी ने कहा कि ये प्रतिबंध इसलिए लगाए गए हैं ताकि पर्वतारोहियों की जान जोखिम में न पड़े। उन्होंने कहा कि पिछले साल ट्रेल पर पर्वतारोहियों की संख्या 137,236 थी। लेकिन इस साल इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद है।

शिज़ुओका प्रान्त ने पंजीकरण शुरू किया

दूसरी ओर, शिज़ुओका प्रान्त ने अनिवार्य पर्वतारोहण पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। यहाँ 10 जून से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है। हालाँकि, पर्वतारोहियों को शाम 4 बजे के बाद चढ़ाई न करने की सलाह दी जाती है। माउंट फ़ूजी पर सूर्योदय देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। बड़ी संख्या में प्लास्टिक की बोतलें और टन भर कचरा पर्यावरण के लिए एक बड़ी चिंता बन गया है।

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