India News(इंडिया न्यूज), Japan Moon Mission: जापान ने गुरुवार की सुबह राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के चंद्रमा लैंडर को ले जाने वाला रॉकेट H-IIA लॉन्च किया। बता दें खराब मौसम के कारण जापान ने अपने इस मिशन को तीन बार स्थगित कर चुका है। हालांकि जपान ने अपने मिशन को सफलतापूर्वक लांच करने में सफल रहा। बता दे यह लॉन्चिंग तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से एच-आईआईए रॉकेट के जरिए की गई। जापानी एयरोस्पेश एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) द्वारा लॉन्च किया जाने वाले मून मिशन ‘मून स्नाइपर’ में रॉकेट एक लैंडर को ले जाएगा, जिसके चार से छह महीने में चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है।

जापान के मून मिशन का क्या है उद्देश्य?

जापान के मून मिशन में ब्रह्मांड के विकास की जांच के लिए डिजाइन किया गया एक एक्स-रे इमेजिंग उपग्रह भी होगा।  जापान के मून मिशन में कई चीजें शामिल हैं। इस मिशन के तहत चंद्रमा पर जांच करने के लिए स्मार्ट लैंडर को उतारना है। जापानी अंतरिक्ष एजेंसी मून स्नाइपर को एच2ए रॉकेट के जरिए चांद पर भेज रही है। मून स्नाइपर में हाई टेक्नोलॉजी के कैमरे लगे हुए हैं, जो चांद को समझने के लिए काम करेगा। SLIM की चंद्र लैंडिंग अगले साल की शुरुआत में निर्धारित है।

JAXA द्वारा चंद्रमा पर उतरने का यह पहला प्रयास

जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) द्वारा चंद्रमा पर उतरने का यह पहला प्रयास है। इस साल मई में एक निजी जापानी कंपनी द्वारा किया गया पिछला प्रयास विफलता में समाप्त हो गया था। SLIM (चंद्रमा की जांच के लिए स्मार्ट लैंडर) एक बहुत छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है। इसकी तुलना में, चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का वजन लगभग 1,750 किलोग्राम था। एसएलआईएम का मुख्य उद्देश्य चुनी गई साइट के 100 मीटर के भीतर सटीक लैंडिंग का प्रदर्शन करना है।

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