India News (इंडिया न्यूज), Pakistan Missile US Sanctions: जो बाइडेन सरकार के आखिरी दिनों में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान अमेरिका किलर परमाणु मिसाइल बनाने में जुटा है। इसका मतलब है कि पाकिस्तानी सरकार अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल बनाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए पाकिस्तान अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर दुनिया से झूठ बोल रहा था। अमेरिका ने पाकिस्तान की इस चाल को पकड़ लिया और इस मिसाइल से जुड़ी कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इससे पहले पाकिस्तानी सरकार ने भारतीय मिसाइलों को लेकर बाइडेन प्रशासन को ब्लैकमेल करने की कोशिश की थी।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, अमेरिका ने पाकिस्तान की इस मांग को खारिज कर दिया था। माना जा रहा है कि इससे हताश पाकिस्तान ने अब दबाव और बढ़ाने के लिए अमेरिका को मारक मिसाइल बनाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने अमेरिका से बार-बार मांग की थी कि वह भारत को लंबी दूरी की मिसाइल बनाने से रोके। पाकिस्तान ने अमेरिका को भरोसा दिलाया था कि उसके मिसाइल कार्यक्रम को खतरे के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। बदले में पाकिस्तान चाहता था कि अमेरिका इस बात की गारंटी दे कि वह भारत को अपनी मिसाइल ताकत बढ़ाने से रोकेगा। अमेरिका ने पाकिस्तान की इस ब्लैकमेल को खारिज कर दिया। पाकिस्तानी विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद पाकिस्तान ने अपने मिसाइल विकास कार्यक्रम को लगातार बढ़ाया।
पाकिस्तान के पास पहले से ही 2750 किलोमीटर की रेंज वाली शाहीन 3 मिसाइल है, जो भारत के किसी भी इलाके को निशाना बना सकती है। इसके बाद भी पाकिस्तान अब अमेरिका तक मार करने वाली मिसाइल बना रहा है। इसी वजह से अमेरिका सतर्क हो गया है। पाकिस्तान के निशाने पर इजरायल भी हो सकता है। वहीं अगर भारत की बात करें तो चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए नई दिल्ली लगातार अपनी मिसाइल ताकत बढ़ा रहा है। यह बात चीन और पाकिस्तान दोनों को पसंद नहीं आ रही है। यही वजह है कि ये दोनों देश भारत की मिसाइल ताकत को रोकना चाहते हैं। पाकिस्तान का मिसाइल दांव उल्टा पड़ गया है।
अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के खुलासे के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है कि इससे ट्रंप प्रशासन के सत्ता में आने के बाद भी मिसाइल मुद्दा गरम रहेगा और भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव देखने को मिल सकता है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पूर्व राजदूत मलीहा लोधी ने भी माना है कि यह चुनौती भविष्य में भी बनी रह सकती है। डॉन अखबार के मुताबिक, पाकिस्तान और अमेरिका के बीच लंबी दूरी की मिसाइलों के विकास पर पिछले 2 साल से बातचीत चल रही थी।
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जब पाकिस्तान ने अमेरिका की मांग नहीं मानी तो वॉशिंगटन ने मिसाइलों से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। इतना ही नहीं, अमेरिका अब पाकिस्तान को खतरे के तौर पर ले रहा है। अमेरिका ने सबसे पहले 2015 में शाहीन 3 मिसाइल को लेकर चिंता जताई थी, जब पाकिस्तान ने इसका परीक्षण किया था। इसके बाद बाइडन प्रशासन ने अक्टूबर 2023 में पाकिस्तान पर अपना दबाव बढ़ा दिया था। उस समय अमेरिका ने 3 चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगाए थे जो पाकिस्तानी मिसाइल कार्यक्रम में मदद कर रही थीं।
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