होम / जो बाइडेन की साख सवालों को घेरे में, ट्रंप की तरह करना पड़ सकता है 'महाभियोग का सामना'

जो बाइडेन की साख सवालों को घेरे में, ट्रंप की तरह करना पड़ सकता है 'महाभियोग का सामना'

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : January 16, 2023, 4:52 pm IST

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : अमेरिका में एक बार फिर चार साल पहले जैसी स्थिति होती दिखाई दे रही है। उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऊपर गड़बड़ियों के आरोप थे और इसके लिए उन्हें बाद में अमेरिकी संसद के अंदर महाभियोग प्रस्ताव का भी सामना करना पड़ा था। बाद में चुनाव के समय मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इसे मुद्दा बनाया था, लेकिन अब खुद बाइडेन भी ऐसी ही मुश्किल में फंसते दिखाई दे रहे हैं। आपको बता दें, बाइडेन के ऊपर आरोप है कि जब वे राष्ट्रपति बराक ओबामा के सहायक के तौर पर तैनात थे, तो उन्होंने गोपनीय दस्तावेजों को संभालने में लापरवाही दिखाई थी। बाइडेन की उपराष्ट्रपति पद पर तैनाती के समय से जुड़े इन आरोपों के लिए अब उनके खिलाफ जांच भी शुरू हो गई है। हालांकि बाइडेन कहते रहे हैं कि किसी भी गोपनीय दस्तावेज को रखने के पीछे उनकी कोई गलत मंशा नहीं थी, लेकिन अब अमेरिका के अटॉर्नी जनरल ने इस मामले में जांच के लिए स्वतंत्र अभियोजनकर्ता की नियुक्ति की है।

बाइडेन के पैतृक घर से मिले दस्तावेज

व्हाइट हाउस के वकील रिचर्ड सोबर के मुताबिक, बाइडेन के डेलावेयर स्थित पैतृक घर से 5 और गोपनीय दस्तावेजों की बरामदगी हुई है। ताजा दस्तावेज उनके बृहस्पतिवार को घर का दौरा करने के बाद मिले हैं। वह दौरा उन्होंने घर के गैरेज के बगल वाले कमरे में एक दिन पहले मिले दस्तावेजों के पहले बैच का हस्तांतरण न्याय विभाग को करने के काम की निगरानी के लिए किया था।

बाइडेन के निजी वकील को मिले दस्तावेज

सोबर के मुताबिक, ताजा दस्तावेज जो बाइडेन के निजी वकील को उस समय मिले, जब उन्होंने डेलावेयर के विलमिंगटॉन स्थित उस घर के गैराज की तलाशी ली, जिसमें 80 वर्षीय राष्ट्रपति बाइडेन अमूमन अपना वीकएंड बिताया करते थे। इन दस्तावेजों पर क्लासिफाइड दर्ज था। सोबर ने कहा, बाइडेन के वकील के पास इन दस्तावेजों को पढ़ने के लिए आवश्यक सिक्योरिटी क्लियरेंस नहीं था, इसलिए उन्होंने इसकी जानकारी जस्टिस डिपार्टमेंट को दी।

अमेरिका में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के लिए नियम

जानकारी दें, अमेरिका में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के लिए 1978 में बने कानून के मुताबिक, उन्हें अपने सभी ईमेल, पत्र और अन्य ऑफिशियल दस्तावेजों को पद छोड़ने के बाद नेशनल आर्काइव के हवाले करना पड़ता है। बाइडेन के पास ये दस्तावेज मिलने का अर्थ है कि उन्होंने अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन किया है।

रिपब्लिकन पार्टी ने बाइडेन को घेरा

आपको बता दें, इससे पहले पिछले साल 2 नवंबर को भी एक वॉशिंगटन थिंक टैंक स्थित बाइडेन के पूर्व कार्यालय में कुछ दस्तावेज बरामद हुए थे। इस थिंक टैंक से बाइडेन बराक ओबामा के व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद जुड़े थे। इसके बाद 20 दिसंबर को भी राष्ट्रपति के वकीलों को विलमिंगटॉन गैराज में से गोपनीय दस्तावेज मिले थे। जिसके बाद ही जस्टिस डिपार्टमेंट अलर्ट हुआ था। अब फिर दस्तावेज मिले हैं। इसे लेकर विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने राष्ट्रपति बाइडेन की आलोचना के साथ घेरना शुरू कर दिया है। रिपब्लिकन पार्टी ने बाइडेन पर पारदर्शी नहीं होने का आरोप लगाया है।

अटॉर्नी जनरल ने अभियोजक की नियुक्ति की

आपको बता दें, लगातार मिल रहे दस्तावेजों के कारण उठ रहे सवालों के बाद यूएस अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने एक स्वतंत्र अभियोजक रॉबर्ट हुर की नियुक्ति कर दी है। मालूम हो, रॉबर्ट को बाइडने के पास मिले गोपनीय दस्तावेजों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT