India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh News: 5 अगस्त का वो दिन जब बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्ता पलट हो गया था और फिर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदूओं पर अत्याचार शुरू हो गए। उनके घरों को जलाया गया। मंदिरों को तोड़कर खंडित किया गया। यहां तक खबर आई कि मूर्तियां तक लूट ली गई। लेकिन जब बांग्लादेश के हिंदूओं ने एक साथ सड़कों पर उतरकर अपनी ताकत दिखाई तो होश ठिकाने आ गए।

पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की जो पार्टी कट्टरपंथी पर उतर आई थी अब उनकी अक्ल ठिकाने पर आने की खबर आ रही है। दरअसल पूरा मामला ये है कि, खाल‍िदा ज‍िया की पार्टी बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने एक बयान जारी किया है। जिसमें उनका हिंदू प्रेम बाहर आया है। उन्होंने कहा है कि, अगर हमारी पार्टी सत्ता में लौटती है तो हम हिंदुओं के खिलाफ हुए सभी अत्‍याचारों की जांच कराएंगे। कार्रवाई करेंगे और न्‍याय सुन‍िश्च‍ित करेंगे। 

शेख हसीना की पार्टी पर बोला हमला

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, ढाकेश्वरी मंदिर में पूजा के बाद बीएनपी के नेता फखरुल ने ह‍िन्‍दू संगठनों के प्रत‍िन‍िध‍ियों से मुलाकात की है। और कहा है कि आपके जो भी मुद्दे हैं, सब हमारी सूची में हैं। हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि हमारी पार्टी इसपर काम करेगी। इसके अलावा उन्होंने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग का जिक्र करते हुए बीएनपी नेता फखरुल ने कहा, यह दुर्भाग्‍यपूर्ण है क‍ि एक विशेष राजनीत‍िक दलों के लोग आप पर अत्‍याचार में शामिल रहे है। जबक‍ि वे लोग आपके सबसे बड़े रक्षक होने का दावा करते हैं।

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हिंदुओं पर आज भी हो रहा अत्याचार

इस कार्यक्रम के दौरान शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर निशाना साधते हुए खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के नेता फखरुल ने कहा कि, उन्‍हीं लोगों ने आपकी जमीनों पर कब्जा किया है, संपत्ति लूटी है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, अगर भव‍िष्‍य में हमारी सरकार बनती है तो ऐसे हर मामले की निष्‍पक्ष जांच कराएंगे। इससे पहले बांग्‍लादेश पूजा परिषद के महासच‍िव संतोष शर्मा ने उन्‍हें समुदाय की समस्‍याएं बताईं। उन्होंने बीएनपी के नेता को बताया कि अल्‍पसंख्‍यकों के ख‍िलाफ क‍िस तरह का अन्‍याय हो रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीएनपी नेता ने बताया कि, मैं यह नहीं कहूंगा कि कुछ नहीं हुआ। जो कुछ भी हुआ था वो सांप्रदायिक प्रकृति की नहीं थीं, बल्कि राजनीतिक घटनाएं थी। ये सब शेख हसीना की पार्टी के नेताओं ने किया था।

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