इंडिया न्यूज (India News ): (India-Russia Trade) रूस-यूक्रेन यूद्ध के बीच जहां पश्चिमी देश रूस पर कई प्रतिबंध लगा रहे हैं। वहीं, भारत,रुस से लगातार तेल खरीद रहा है। भारत ने कभी भी खुल के रुस की निंदा नहीं की है। हालाकि भारत के प्रधानमंत्री ने ये जरुर कहा था की ये यूद्ध का समय नहीं है। भारत हमेशा से रूस को एक विश्वसनीय साझेदार के तौर पर देखता आ रहा है। लेकिन अब ये रिश्ते बदल रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार रूस ने भारत को ऊर्जा और हथियारों की डील कैंसिल करने की धमकी दी है। जून तक रूस, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ब्लैकलिस्ट में आ सकता है। इस लिस्ट में आने से बचने के लिए रूस ने भारत से मदद की मांग की है। भारत द्वारा रुस की मदद ना करने पर उसने भारत को डील रद्द करने की धमकी दी है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। एफएटीएफ की तरफ से पड़ा दबाव अब रूस की धमकी के रूप में सामने आ रहा है। बता दे एफएटीएफ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों की फाइनेंसिंग पर बैन लगाने वाला संगठन है। जून में इसकी एक मीटिंग होनी है जिसमें रूस पर प्रतिबंध पर फैसला हो सकता है। भारत इसका सदस्य है और फरवरी 2022 में जब यूक्रेन के साथ जंग शुरू हुई तो एफएटीएफ ने रूस की सदस्यता खत्म कर दी थी। अब ऐसे में वह उन देशों से मदद मांग रहा है जो उसे ब्लैकलिस्ट होने से बचा सकें।
बता दे यूक्रेन जंग की वजह से पहले ही रूस पर पहले ही काफी प्रतिबंध लगे हुए हैं। अगर ऐसे में एफएटीएफ की तरफ से इसे ब्लैकलिस्ट किया जाता है तो फिर रूस, उत्तर कोरिया, ईरान और म्यांमार की ही श्रेणी में आ जाएगा। जो की एफएटीएफ के लिस्ट में पहले से शामिल है।
अगर रूस ब्लैकलिस्ट हुआ तो फिर एफएटीएफ के सदस्य, बैंक, निवेश कंपनियां और पेमेंट सिस्टम को सावधानी बरतनी होगी। यहां तक कि इनके पास रूस पर जवाबी कार्रवाई का भी अधिकार होगा। युद्ध के बाद से ही प्रतिबंधों को झेलने वाला रूस अगर एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में आया तो फिर बची-खुची अर्थव्यवस्था भी चौपट हो जाएगी। ऐसे में एफएटीएफ की लिस्ट में आना उसकी मुसीबतों को डबल करने वाला कदम होगा।
रूस ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर वह ब्लैकलिस्ट हुआ तो फिर दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और बाकी डील खतरे में आ जाएंगी। जिन डील्स को लेकर रूस ने धमकी दी है उनमें हथियारों का निर्यात, तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और नायरा एनर्जी लिमिटेड के बीच सहयोग और रेलवे कॉरिडोर का विकास शामिल है। रूस, भारत का टॉप हथियार सप्लायर रहा है। पिछले साल वह तेल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता के तौर पर भी सामने आया है। रूस ने यह भी कहा है कि एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में आना भले ही एक कम गंभीर फैसला हो लेकिन इससे डील पर खतरा रहेगा।
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