India News (इंडिया न्यूज), Kuwaiti Dinar: भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल कुवैत के दौरे पर गए हैं। हम आपको बता दें कि, 43 वर्षों के बाद भारतीय प्रधानमंत्री ने कुवैत का दौरा किया है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में कुवैत का दौरा किया था। ऐसे में कुवैती दीनार की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय मजदूर कुवैत में बड़ी संख्या में हैं। बता दें कि, दुनिया की सबसे ताकतवर करेंसी कुवैती दीनार है। कुवैत की करेंसी कुवैती दीनार डॉलर से करीब 3 गुना महंगी है। कमाल की बात यह है कि एक समय में भारत कुवैत की करेंसी जारी करता था। 

एक दीनार की कीमत 270 से 280 रुपए है

अगर हम 1 दीनार की कीमत की बात करें तो यह आमतौर पर 270 से 280 रुपए (भारतीय करेंसी) होती है। यानी जब आप 270 रुपए खर्च करेंगे तो आपको 1 कुवैती दीनार मिलेगा। जबकि डॉलर की कीमत आमतौर पर भारतीय रुपए में 80 से 85 रुपए के आसपास होती है। यानी कुवैती दीनार अमेरिकी डॉलर से 3 गुना से भी ज्यादा महंगा है। कुवैत में पाए जाने वाले तेल भंडार इस देश की करेंसी को सबसे ताकतवर बनाते हैं। कुवैत पूरी दुनिया में निर्यात करता है। हैरान करने वाली बात ये है कि कई दशक पहले भारत कुवैत की करेंसी जारी करता था। यानी कुवैत की करेंसी RBI बनाती थी।  उस समय कुवैत की करेंसी का नाम गल्फ रुपया था।

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मामूली से मजदूरों को मिलते हैं 100 दीनार

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, कुवैती दीनार देखने में भारतीय रुपए जैसा ही लगता था, फिर 1961 में ब्रिटिश सरकार से आजादी के बाद जब कुवैत पहला अरब देश बना और यहाँ सरकार बनी तो देश ने अपनी करेंसी बनानी शुरू कर दी। कुवैत की करेंसी की कीमत ज्यादा होने की वजह से दुनिया भर से लोग यहां काम करने जाते हैं और खूब पैसा कमाते हैं। इसमें भारतीय भी शामिल हैं। कुवैत में कार धोने वाले, क्लीनर जैसे अकुशल मज़दूरों को भी महीने में 100 दीनार से ज्यादा मिलते हैं। यानी भारतीय करेंसी में उनकी सैलरी 27 हजार से ज्यादा होगी। वहीं अगर हम डॉक्टर और इंजीनियर जैसे कुशल लोगों की बात करें तो उनकी सैलरी 450 दीनार है, जो कि सवा लाख रुपए से ज्यादा है।

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