India News(इंडिया न्यूज),Kuwait Fire accident: कुवैत में बुधवार सुबह एक इमारत में आग लगने से 49 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए। मृतकों में 40 भारतीय शामिल हैं। इस घटना में जान गंवाने वालों के शवों की अभी पहचान नहीं हो पाई है। आग में मरने वाले ज्यादातर लोग केरल और तमिलनाडु के हैं। इस हादसे की खबर के बाद दोनों राज्यों के परिवारों में गम का माहौल है। कुवैत में आग की घटना से जुड़े हालात की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री ने बैठक की है। पीएम मोदी ने कुवैत में आग की घटना में मरने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई है।

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केरल में परिवार की दुआ, खबर निकली झूठी

बता दें कि, केरल के कोल्लम जिले में एक परिवार दुआ कर रहा है कि बुधवार सुबह उन्हें जो खबर मिली वो गलत निकले। कुवैत में आग की घटना में उनके परिवार का इकलौता कमाने वाला शमीर मर गया। दक्षिण केरल के इस जिले के वैयंकरा गांव के निवासी शमीर पिछले कुछ सालों से कुवैत में काम कर रहे थे। सुबह करीब 11.30 बजे उनके परिवार को एक दोस्त से आग लगने से शमीर की मौत की सूचना मिली।

पिनाराई विजयन ने जयशंकर को लिखा पत्र

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर कुवैत में आग लगने की घटना में केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की। इस घटना में ज्यादातर मलयाली लोगों की जान गई है। अपने पत्र में विजयन ने कहा कि उन्हें रिपोर्ट मिली है कि कुवैत के मंगाफ में एनबीटीसी कैंप के नाम से जाने जाने वाले एक कैंप में आग लग गई है और केरल के कुछ लोगों सहित कई भारतीयों की जान चली गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

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कुवैत आग पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, ‘हम कुवैत आग के पीड़ितों के साथ खड़े हैं, हम उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमारी बैठक हुई और कल सुबह हम कुवैत जा रहे हैं। उन्होंने कहा, हम स्थिति और अस्पताल में भर्ती लोगों का जायजा लेंगे। मृतकों की पहचान का काम चल रहा है। ज्यादातर लोग केरल और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों से हैं।’

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गैर-निवासी तमिलों के पुनर्वास का निर्देश दिया है।

हेल्पलाइन नंबर किया गया जारी

मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, कमिश्नरेट में भारतीय दूतावास और तमिल संघों के साथ संपर्क करके तमिलों को सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा, अधिकारियों ने राज्य सरकार से सहायता प्राप्त करने के लिए कमिश्नरेट के हेल्पलाइन नंबर +91 1800 309 3793 (भारत के भीतर) और +91 80 6900 9900, +91 80 6900 9901 (विदेश से कॉल के लिए) दिए हैं।

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