India News (इंडिया न्यूज),Lebanon Hezbollah: इजराइल ने अपना रुख साफ कर दिया है कि जब तक वह अपने दुश्मनों को खत्म नहीं कर देता, तब तक वह चैन से नहीं बैठेगा। फिलिस्तीन और लेबनान में हिजबुल्लाह को खत्म करने के बाद इजराइल ने अब यमन पर हमला किया है। इस बीच इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को चेतावनी दी है कि वह हमला करने के बारे में बिल्कुल भी न सोचे। उन्होंने कहा, अगर कोई आपको मारने के लिए उठता है, तो उसे पहले ही मार दें। हसन नसरुल्लाह को मारकर हमने यही किया है। अमेरिका और फ्रांस समेत कई देशों को मारने वाले हत्यारे को मारकर हमने हिसाब बराबर कर लिया है।
ईरान को सबक सिखाने के बाद इजराइल का उत्साह चरम पर है। जिस तरह से इजराइल ने पहले ईरान से बदला लिया और अपने दुश्मनों को खत्म किया, उसमें उसके मित्र देशों की भी अहम भूमिका रही है। अब यही उत्साह यमन और लेबनान को तबाह करने का काम कर रहा है। जॉर्डन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात तीन ऐसे देश हैं जिन्होंने ऐसे समय में इजराइल की मदद की जो बाजी पलटने का हथियार बन गया। आइए जानते हैं कि जॉर्डन, सऊदी और यूएई ने किस तरह इजराइल की मदद करके दोस्ती निभाई।
बता दें कि, अप्रैल में जब ईरान ने मिसाइल हमले किए, तो जॉर्डन ही एकमात्र ऐसा देश था जिसने खुलकर उसकी मदद स्वीकार की। उसने स्पष्ट किया कि उसने इजरायल की मदद के लिए अपनी वायुसेना भेजी थी। जॉर्डन का यह कदम ईरान से दुश्मनी को आमंत्रित करने जैसा था। यह पहली बार नहीं था जब जॉर्डन ने इजरायल की मदद की हो। इससे पहले भी जॉर्डन चुप रहकर मदद करता रहा है। भौगोलिक परिस्थितियों को देखें तो जॉर्डन इजरायल का पड़ोसी देश है। इजरायल के साथ इसकी लंबी सीमा लगती है। इजरायल को किसी भी तरह का खतरा होने का मतलब है कि जॉर्डन भी किसी न किसी मोड़ पर इससे प्रभावित होगा। यही वजह है कि जॉर्डन इजरायल की मदद के लिए आगे आता है। हालांकि, इजरायल विरोधी कुछ बयानों को छोड़ दें तो आप पाएंगे कि जॉर्डन का शाही साम्राज्य इजरायल की मदद के लिए हाथ बढ़ाता रहा है। जॉर्डन ने ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में भी मदद की।
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एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली वायुसेना के एक अधिकारी का कहना है कि जॉर्डन ने ईरानी मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराने के लिए इजरायली लड़ाकू विमानों को अपने हवाई क्षेत्र में आने दिया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जॉर्डन और इजरायली लड़ाकू विमानों का समन्वय अमेरिकी सेना ने किया था।
अरब देशों ने खुफिया जानकारी मुहैया कराकर ईरान का खेल बिगाड़ा इजराइल की मदद करने में जॉर्डन अकेला नहीं था। इसमें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी शामिल थे। दोनों देशों ने ईरान के बारे में कई खुफिया जानकारी इजरायल को मुहैया कराई। जो ईरान के हमलों को नाकाम करने में मददगार साबित हुई। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब और दूसरे अरब देशों से मिली जानकारी को गुप्त रखा गया। सऊदी अरब ने भी अपना रुख साफ कर दिया था कि वह ईरान के हमले के खिलाफ है और इजरायल के साथ है।
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