India News (इंडिया न्यूज), Los Angeles fire: अमेरिका के लॉस एंजिल्स के जंगलों में लगी आग का तांडव थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस भीषण आग ने साउथ कैलिफोर्निया को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इसकी भीषण लपटें सब कुछ जलाकर राख कर रही हैं। अमेरिका ने आग बुझाने के लिए सैकड़ों हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। जंगल के बगल में समुद्र है और हेलिकॉप्टर वहां से आग पर पानी डाल रहे हैं। फिर भी अमेरिका की हर कोशिश नाकाम हो रही है।
ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका आग बुझाने के लिए कृत्रिम बारिश क्यों नहीं करा रहा है? आग क्यों नहीं रुक रही है? आने वाले दिनों में इसका क्या असर देखने को मिलेगा? आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं।
जहां तक दक्षिण कैलिफोर्निया में आग फैलने की वजह की बात है तो इसकी वजह तेज हवा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में आमतौर पर दक्षिणी कैलिफोर्निया में तेज हवाएं चलती हैं। इसे सांता एना कहते हैं। यह हवा बहुत शुष्क होती है। इसलिए यह आग में घी का काम करती है। फिर यह शुष्क हवा 60-70 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, जिससे आग बुझाने में बाधा उत्पन्न होती है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि कैलिफोर्निया में औसतन साल में 10 बार ऐसी हवाएं चलती हैं। फिलहाल ये हवाएं चल रही हैं और आग में घी का काम कर रही हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि सांता एना हवा के कारण जमीन सूखी हो गई है। साथ ही हवा में मौजूद नमी पूरी तरह से खत्म हो गई है। आग ने नमी को भी नष्ट कर दिया है। भीषण आग ने वायुमंडल में मौजूद बादलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और बची हुई जगह शुष्क हवा ने ढक ली। अब ऐसे में जब कृत्रिम बारिश के लिए सबसे जरूरी बादल ही मौजूद न हों तो बारिश कैसे कराई जा सकती है।
वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि कृत्रिम बारिश का असर बारिश के बाद हवा की दिशा पर निर्भर करता है। इसके लिए बादलों की चाल का सही आकलन बहुत जरूरी है। मान लीजिए अगर किसी तरह बादल मिल भी जाएं और बारिश करा दी जाए तो हवा के साथ बादल बहकर उस जगह से कहीं और बरस सकते हैं जहां इसकी जरूरत है।
दरअसल, कैलिफोर्निया में आमतौर पर अक्टूबर में बारिश होती है। मौसम चक्र में इस दौरान बारिश बहुत कम हुई। इस वजह से इस अमेरिकी राज्य के ज्यादातर प्राकृतिक जल स्रोत सूख गए। वैज्ञानिकों का कहना है कि हवा गर्म और शुष्क होने की वजह से वाष्पीकरण बहुत हुआ और वाष्पीकरण की वजह से पौधों और मिट्टी का सारा पानी भी सूख गया। वैज्ञानिकों के मुताबिक, हालात ऐसे हो गए हैं कि जनवरी की शुरुआत में ही दक्षिणी कैलिफोर्निया के ज्यादातर हिस्सों में मिट्टी की नमी का स्तर घटकर सिर्फ दो फीसदी रह गया है। यह ऐतिहासिक रूप से बहुत कम है।
यही वजह है कि जंगल में पेड़-पौधे सूख रहे हैं और उनमें लगी आग तेजी से फैल रही है। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ रही है, यह आग पेड़ों और वातावरण से नमी भी सोख रही है। इससे हालात और भी खराब होने की आशंका है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने आने वाले दिनों में कैलिफोर्निया में सूखे की आशंका जताई है। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि अगर एक-दो बार बारिश हो जाए तो हालात थोड़े सुधर सकते हैं।
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