India News (इंडिया न्यूज), Mahatma Gandhi Garland: ब्रिटेन से एक बेहद हैरान करने वाली तस्वीर शामने आई है जिसपर कई सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल जो माला महात्मा गांधी ने साल 1930 के ऐतिहासिक दांडी मार्च के दौरान पहनी थी, लंदन में उसकी नीलामी की कोशिश के गई। पहली बात तो यह कि यह माला अंग्रेजों द्वारा चुराई हुई है इसलिए इसपर उनका कोई अधिकार नहीं बनता और दूसरा कि भारत के राष्ट्रपिता की माला को खरीदार न मिलना भी हैरान करता है।
मुश्किल में पड़ी BJP विधायक की जान! 15 लोगों के खिलाफ गैंगरेप और धोखाधड़ी मामले में दर्ज FIR
इस हार को बुधवार को लंदन के लॉयन एंड टर्नबुल नीलामी घर में बिक्री के लिए रखा गया था, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला। इसकी कीमत 21 लाख से 32 लाख रुपये (20,000 से 30,000 पाउंड) के बीच राखी गई थी। इसके साथ गांधीजी की एक तस्वीर भी थी, जिसमें उन्हें यह माला पहनाई जा रही थी।
यह माला गुलाबी कपड़े, कार्ड, सुनहरे धागे, चमकी और गुजराती में लिखे कागज के टुकड़ों से बनी थी। यह हार गांधीजी के निजी चिकित्सक डॉ. बलवंतराय एन. कनुगा के संग्रह का हिस्सा था। यह माला उनके परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही थी। धुंधली तस्वीर में गांधीजी की पत्नी नंदूबेन उन्हें यह हार पहना रही हैं। तस्वीर के नीचे लिखा है कि गांधीजी नंदूबेन कनुगा। दांडी मार्च के दिन। 12 मार्च 1930 को बंगले पर। इससे पता चलता है कि यह माला गांधीजी को अहमदाबाद में उनके घर के पास दी गई थी, जब जुलूस वहां से गुजर रहा था।
ब्रिटिश शासन के खिलाफ गांधीजी के संघर्ष में दांडी मार्च सबसे सफल आंदोलनों में से एक था। नीलामी प्रमुख क्रिस्टीना सैन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि भले ही गांधीजी की माला नहीं बिकी, लेकिन मैं भारतीय कलाकृतियों की बिक्री के नतीजों से बहुत खुश हूं। भारतीय कला खंड में लगातार बोली लगी और 90% से अधिक वस्तुएं बिक गईं। ये नतीजे भारतीय बाजार में अच्छी तेजी दिखाते हैं।
नीलामी में वी.एस. नायपॉल के संग्रह से एक राजस्थानी लघुचित्र 7,056 पाउंड में बिका। स्कॉटिश एस्टेट से इंडो-पुर्तगाली मदर-ऑफ-पर्ल पॉटरी का एक दुर्लभ समूह 75,500 पाउंड से अधिक में बिका। प्रसिद्ध भागवत पुराण श्रृंखला की एक पेंटिंग जिसे गुलेर के मंकू के नाम से जाना जाता है, 27,700 पाउंड में बिकी। नीलामी ऑनलाइन आयोजित की गई थी और इसमें कई दुर्लभ और मूल्यवान कलाकृतियाँ शामिल थीं। हालाँकि गांधीजी की माला की बिक्री न होना थोड़ा निराशाजनक था, लेकिन अन्य कलाकृतियों की बिक्री से पता चलता है कि भारतीय कला में लोगों की रुचि बढ़ रही है
JNU Stone Pelting: JNU में हुई पत्थरबाजी! ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की स्क्रीनिंग के दौरान हुआ बड़ा बवाल
राजस्थान के छह राजपूत घुड़सवार चित्रों के एक सेट को 20,160 पाउंड में बेचा गया, और कालीघाट चित्रों का एक संग्रह 21,420 पाउंड में बिका। नीलामी को सफल बताया गया, जिसमें भारतीय कला खंड की 90% से अधिक बिक्री हुई। सैने ने भारतीय कला की मजबूत मांग की प्रशंसा करते हुए कहा, “भारतीय कला खंड में पूरे समय जोरदार बोली लगी और 90 प्रतिशत से अधिक बिक्री हुई। यह भारतीय कला बाजार की उछाल का वास्तविक प्रमाण है।”
India News (इंडिया न्यूज़), Sambhal News: पंवासा ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुजाहिदपुर का नाम…
PM Modi Speaks On Constitution Debate: लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान धानमंत्री नरेंद्र…
India News (इंडिया न्यूज), Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में एक व्यवसायी और…
Salman- Aishwarya AI Image: बॉलीवुड में कई जोड़ियां ऐसी हैं जिनकी प्रेम कहानी अधूरी रह…
India News (इंडिया न्यूज)Himachal weather: हिमाचल प्रदेश में अगले सात दिन तक मौसम साफ रहने का…
India News (इंडिया न्यूज)Himachal news: हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में जब छह-सात आवारा कुत्तों ने तीन…