India News (इंडिया न्यूज), Maldives India Relations: मालदीव कुछ महीने पहले तक इंडिया आउट कैंपेन चला रहा था। इतना ही नहीं उसके मंत्री सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ जहर भी उगल रहे थे। तब सबने माना कि सरकार में बदलाव के बाद ये वो नहीं चाइना का असर बोल रहा है। खराब तेवरों के पीछे मौजूदा सरकार की प्रो-चाइना नीति होने का अनुमान था। लेकिन अब लग रहा जैसे मालदीव के अक्ल ठिकाने पर आ गया है। इस द्वीप देश का रवैया एक बार फिर से नरम पड़ता नजर आ रहा है। अब दुश्मनी की जगह भारत से दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहता है। ऐसे में लग रहा है कि क्या चीन से मालदीव का मोह भंग हो गया या फिर भारत उसे ज्यादा जरूरी लग रहा है? चलिए जानते हैं।
- मालदीव का India Out Campaign
- मालदीव के तेवर बदले
- इसलिए कर रहा मान मनौवल
मालदीव का India Out Campaign
नवंबर 2023 में “भारत को बाहर करो (India Out Campaign)” अभियान के तहत सत्ता में आने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू ने अपने रुख में पूरी तरह बदल लिया था। अब वही मालदीव भारत से दोस्ती करना चाहता है। नई दिल्ली को अपने देश के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक और एक अमूल्य साझेदार बताया, जिसने मालदीव को जब भी जरूरत पड़ी, मदद की और सहायता प्रदान की। मुइज़ू ने यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर की मौजूदगी में कही, जो मालदीव की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 28 द्वीपों पर पूरी हो चुकी जलापूर्ति और सीवरेज सुविधाओं को सौंपना था, ये योजनाएं भारत सरकार की एक्ज़िम बैंक ऑफ़ इंडिया के माध्यम से ऋण सुविधा द्वारा वित्तपोषित हैं।
मालदीव के तेवर बदले
नवंबर 2023 में मुइज्जू जब राष्ट्रपति बने तब ही से मालदीव के तेवर बदल गए। तब से ही इंडिया आउट कैंपेन शुरु किया गया। इतनी ही नहीं उसने अपने देश में मौजूद भारतीय सैनिकों के छोटी टुकड़ी को भी वापस भेजने का आदेश दिया। जो उनकी ही रक्षा के लिए थे। ये कोई पहला मामला नहीं था। इससे पहले उनके तीन मंत्रियों ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर गई आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी। तब भारत ने जोरदार विरोध किया था।बाद में मालदीव इस पर लीपापोती करता हुआ नजर आया।
इसलिए कर रहा मान मनौवल
अब चलिए आपको बताते हैं कि आखिर अचानक मालदीव मीठी बोली क्यों बोल रहा है। दरअसल भारत के साथ दुश्मनी का पूरा असर मालदीव के टूरिज्म पर भी पड़ा। जान लें कि मालदीव को टूरिज्म से देश की इकनॉमी में 28% से भी ज्यादा आता है। साल 2022 की बात करें तो यहां आने वाले भारतीय सैलानियों की संख्या लगभग 3 लाख पहुंच गई थी। जो कि बड़ा आंकड़ा रहा। ये कुल पर्यटन का 14.4 फीसदी थी। इस बात को खुद वहां के मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म भी स्वीकार कर चुके हैं। उन्होनें माना कि देश की इकनॉमिक ग्रोथ में भारतीय टूरिस्ट्स का बहुत बड़ा हाथ है। ऐसे में भारत के साथ रिश्तों में जो खटास आई उससे इससे भारी नुकसान हुआ है।
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