India News (इंडिया न्यूज), Israel Gaza War: इजरायल अभी गाजा-लेबनान और ईरान से जंग लड़ रहा है। इस बीच इजरायल के लिए काफी बुरी खबर सामने आई है। दरअसल, इजरायली सैनिक जंग लड़ने से इनकार कर दिया है। सामने आई कई रिपोर्टों में ये दावा किया जा रहा है कि, गाजा में कई इजराइली सैनिक मारे गए हैं और अब वहां सैनिकों की भारी कमी हो गई है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इजराइल के युवा सेना में भर्ती नहीं होना चाहते हैं।
जब से यह रिपोर्ट दुनिया के सामने आई है, तब से ये सवाल उठने लगे हैं कि, क्या बेंजामिन नेतन्याहू की युद्ध नीति विफल हो गई है? क्या इजराइल गाजा युद्ध हार रहा है? क्या हिजबुल्लाह के हमलों की वजह से इजराइल कमजोर पड़ गया है? बताया जा रहा है कि, दुनिया के कई अख़बारों की ये हेडलाइन रही है कि, नेतन्याहू की सेना कमजोर पड़ गई है। नेतन्याहू की सेना थक गई है। नेतन्याहू के सैनिक लड़ने लायक नहीं बचे हैं।
7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास ने हमला किया था। जिससे इजरायल को काफी नुकसान हुआ था। जिसकी वजह से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह को खत्म करने की कसम खाई थी। 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के बारे में इजरायल का कहना है कि, हमास और हिजबुल्लाह ने मिलकर इजरायल पर हमला किया था। नेतन्याहू ने कहा था कि जब तक हमास जिंदा है, हम चैन से नहीं बैठेंगे। इस बात को एक साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। और अब इस युद्ध ने इजराइली सेना के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
गाजा में भारी बमबारी के बाद भी हमास को हराने में नाकाम रहने के बाद अब इजरायल को सैनिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कमी को पूरा करने के लिए इजरायल ने अपनी सेना में भाड़े के सैनिकों की भर्ती करने की तैयारी कर ली है।
जानकारी के अनुसार, गाजा में युद्ध लड़ते हुए इजरायली सेना का मनोबल टूट गया है। अरब मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक कई इजरायली सैनिक युद्ध के मैदान से भागने लगे हैं। युद्ध का हिस्सा बनने से इजरायल की रिजर्व सेना ने भी युद्ध का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। इसलिए अब इजरायल ने अपनी सेना में विदेशी लड़ाकों की भर्ती भी शुरू कर दी है और इसके लिए वह लड़ाकों को कई तरह के प्रलोभन भी दे रहा है। बताया जा रहा है कि, 7 अक्टूबर से अब तक करीब 783 इजरायली सैनिक मारे जा चुके हैं और 12 हजार सैनिक घायल हुए हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि मरने वाले सैनिकों की संख्या इससे भी ज्यादा हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक घायलों में 140 सैनिक ऐसे हैं, जो बिना सहारे के कभी चल नहीं पाएंगे।
सामने आई कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजराइल अपनी सेना में भाड़े के सैनिकों की भर्ती के लिए कई तरह के प्रलोभन भी दे रहा है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इजराइली सेना ने विदेशी सैनिकों की भर्ती के लिए प्रोत्साहन के तौर पर नागरिकता की पेशकश भी की है। बताया जा रहा है कि, इजराइली सेना इस समय करीब 10 हजार सैनिकों की कमी से जूझ रही है और इस कमी को पूरा करने की जिम्मेदारी इजराइली अधिकारियों को दी गई है। इजराइली अधिकारी ऐसे शरणार्थियों की पहचान कर उन्हें सेना में भर्ती करेंगे। इन शरणार्थियों को इजराइली सेना और गृह मंत्रालय की ओर से युद्ध का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा विदेशों से भी लड़ाकों की भर्ती की जा रही है।
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