India News (इंडिया न्यूज), Iran President Masoud Pezeshkian Iraq Visit: दशकों से अस्थिरता और हिंसा की आग में जल रहे मध्य पूर्व में एक बड़ी राजनीतिक घटना घटी है। ईरान ने यहां बड़ा खेल खेला है। इससे अमेरिका और इजरायल के पसीने छूट गए हैं। ईरान के इस खेल पर पूरी दुनिया की नजर है। ऐसे में यह देखना बेहद दिलचस्प है कि ईरान के इस खेल का नतीजा क्या होगा। दरअसल, यह कहानी एक दिलचस्प राजनीतिक घटना से शुरू होती है। ईरानी राष्ट्रपति इराक के दौरे पर हैं, जो एक ऐसा देश है जो दशकों से उसका कट्टर दुश्मन रहा है। वही इराक जिसके साथ ईरान ने करीब एक दशक तक लगातार युद्ध लड़ा है। इस युद्ध में हजारों लोगों की मौत हुई थी।
सितंबर 1980 से अगस्त 1988 तक दोनों देशों के बीच युद्ध
इराक और ईरान के बीच युद्ध सितंबर 1980 से अगस्त 1988 तक चला था। इतिहास में इसे पहले खाड़ी युद्ध के नाम से जाना जाता है। युद्ध खत्म होने के बाद भी इराक और ईरान के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हो पाए। लेकिन, ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पाजेसकिन ने बुधवार को इराक का दौरा कर खाड़ी कूटनीति में एक नया अध्याय शुरू किया है। पाजेसकिन जुलाई में ईरान के राष्ट्रपति बने थे। उनकी छवि एक सुधारवादी नेता की रही है।
पहली विदेश यात्रा
राष्ट्रपति बनने के बाद पाजेस्की ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए इराक को चुना है। ऐसे में उनके इराक दौरे की अहमियत समझी जा सकती है। हाल ही में पाजेस्की ने ईरान पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से राहत पाने के लिए अमेरिका से बातचीत भी शुरू की थी। पाजेस्की की इस यात्रा से इराक-ईरान संबंधों में एक नया अध्याय खुलने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो इससे खाड़ी की राजनीति पूरी तरह बदल जाएगी।
इराक में 1990 के दशक अस्थिरता बनी है
दूसरी ओर, इराक 1990 के दशक से ही अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। ईरान से युद्ध खत्म होने के बाद इराक के तत्कालीन तानाशाह सद्दाम हुसैन ने कुवैत पर हमला बोल दिया। इसके बाद खाड़ी में युद्ध शुरू हो गया। पश्चिमी देशों ने अमेरिका के नेतृत्व में इराक पर हमला किया और कुवैत को इराक के कब्जे से आजाद करा लिया गया। लेकिन, यह युद्ध यहीं नहीं रुका। 2003 में अमेरिका ने एक बार फिर इराक पर हमला किया।
अमेरिका चिंतित होगा
अमेरिका ने आरोप लगाया कि इराक और उसके शासक सद्दाम हुसैन सामूहिक विनाश के हथियार और रासायनिक हथियार बना रहे हैं, जो दुनिया के अस्तित्व के लिए खतरनाक हैं। इस हमले के बाद सद्दाम हुसैन का खात्मा कर दिया गया। इसके बावजूद आज भी इराक के हालात नहीं सुधरे हैं। यहां शिया और सुन्नी लड़ाकों के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है। आज भी इराक में अमेरिकी सेना तैनात है।
कई अन्य शहरों का दौरा करेंगे ईरानी राष्ट्रपति
ईरान के राष्ट्रपति पाजचिन अपनी यात्रा के दौरान इराक के कई अन्य शहरों का दौरा करेंगे। अपनी यात्रा के बारे में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इराकी टेलीविजन को दिए साक्षात्कार में कहा कि हम इराक के साथ सुरक्षा और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इराक तरक्की करे। वह मजबूत बने। हम उसकी आर्थिक तरक्की में मदद करना चाहते हैं।
अमेरिका के लिए होगी नई चुनौती
अगर इराक और ईरान के बीच संबंध सुधरते हैं तो खाड़ी की कूटनीति और राजनीति में अमेरिका के लिए नई चुनौती खड़ी हो जाएगी। इसके साथ ही इजरायल के लिए भी चुनौती खड़ी हो जाएगी क्योंकि ईरान पहले ही इजरायल पर सीधे हमले की चेतावनी दे चुका है।